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डर और खौफ की वो 4 रातें...पहाड़ों पर 8 किमी. पैदल चले...सिक्किम में रेस्क्यू किए पर्यटक ने सुनाई आपबीती

Sikkim Army Rescue 2000 Tourist From Chungthang: भयंकर बारिश के कारण आई बाढ़ से तबाह हुए सिक्किम के चुंगथांग में फंसे 2000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन सेना ने राज्य की स्थानीय एजेंसियों के सहयोग से पूरा किया।
12:17 PM Jun 20, 2024 IST | Rakesh Choudhary
डर और खौफ की वो 4 रातें   पहाड़ों पर 8 किमी  पैदल चले   सिक्किम में रेस्क्यू किए पर्यटक ने सुनाई आपबीती
सिक्किम में बाढ़ से भयंकर तबाही

Sikkim Army Rescue 2000 Tourist From Chungthang: देश में एक ओर जहां पूरा उत्तर भारत बारिश का इंतजार कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर सिक्किम में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण यहां के लोगों को तबाही का सामना करना पड़ा। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार अब तक बारिश के कारण प्रदेश में 300 घर, छोटे-बड़े 8 पुल और 12 बड़ी सड़कें और बिजली के खंभे बर्बाद हो चुके हैं।

असम में बाढ़ से पिछले 24 घंटों में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश के 470 गांव अभी भी पानी में डूबे हैं। वहीं डेढ़ लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ और भूस्खलन से सबसे अधिक नुकसान मंगन और चुंगथांग जिले का हुआ है। 13 जून को लगातार बारिश के बाद कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ वहीं गांव को जोड़ने वाले कई रास्ते बंद हो गए।

चुंगथांग में 2 हजार पर्यटकों का किया रेस्क्यू

वहीं उत्तरी सिक्किम के अंतिम गांव लाचुंग में 13 जून से फंसे 2 हजार पर्यटकों को बुधवार को निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन को सेना के जरिए अंजाम तक पहुंचाया गया। नई दिल्ली से घूमने आए एक पर्यटक सुदेश मोहंती ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके परिवार ने बीती 4 रातें बहुत ही डर और तकलीफ में गुजारी हैं। सभी पर्यटक एक गुरुद्वारे में ठहरे हुए थे। उन्होंने बताया कि सेना और अन्य अधिकारियों की मदद से एक दिन में 8 किमी. पैदल चले इसके बाद सभी लोगों को बाहर निकाला गया।

चुंगथांग शहर फिर हुआ तबाह

बता दें कि पिछले साल नवंबर में आई बाढ़ के कारण सिक्किम के चुंगथांग पूरी तरह बर्बाद हो गया था। लेकिन एक बार फिर ये शहर पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। शहर को आने वाले रास्ते पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। सुरक्षा के नजरिए से देखा जाए तो सिक्किम बेहद संवेदनशील है। चुंगथांग के बाई ओर लाचुंग वैली है जिसके ऊपर चीन की सीमा है। नाकुला और ग्याम्चोना वह जगह है जहां दोनों देश की सेनाएं एक-दूसरे पर नजर रखती है।

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