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क्या योगी के बुलडोजर पर लगा फुल स्टॉप? Bulldozer एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Supreme Court Comment On Bulldozer Action : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बुलडोजर एक्शन पर सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि आरोपी या दोषी के खिलाफ ऐसा एक्शन लेना उचित नहीं है। इस पर बड़ा सवाल उठता है कि क्या अब योगी के बुलडोजर पर फुल स्टॉप लग जाएगा?
05:42 PM Sep 02, 2024 IST | Deepak Pandey
क्या योगी के बुलडोजर पर लगा फुल स्टॉप  bulldozer एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट की बुलडोजर एक्शन पर सख्त टिप्पणी।

Supreme Court Comment On Bulldozer Action : उत्तर प्रदेश में योगी का बुलडोजर खूब दहाड़ा। कई राज्यों ने भी बाबा के बुलडोजर मॉडल को अपनाया। अगर कोई गंभीर अपराध में आरोपी है या फिर दोषी तो उसके खिलाफ बुलडोजर से इंसाफ किया जा रहा था। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई हुई। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोई आरोपी या दोषी भी है तो उसका मकान या घर नहीं गिराया जा रहा है। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील पेश की।

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों से पूछा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है, क्योंकि वह आरोपी है। उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति दोषी भी हो तो भी उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता। SC ने यह भी स्पष्ट किया कि सड़कों या सार्वजनिक स्थानों को बाधित करने वाले किसी भी अवैध निर्माण को संरक्षित नहीं किया जा सकता है।

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बुलडोजर एक्शन पर लाएंगे दिशानिर्देश: SC

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने बुलडोजर से तोड़फोड़ के खिलाफ याचिकाओं पर कहा कि भले ही कोई व्यक्ति आरोपी हो या दोषी, फिर भी कानून का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है। इस दौरान अदालत ने इस मामले में कुछ दिशानिर्देश जारी करने की बात कही, जिसमें एक्सपर्ट के भी सुझाव लिए जाएंगे।

सिर्फ अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर

न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन ने कहा कि एक पिता का बेटा अड़ियल हो सकता है, लेकिन इस आधार पर घर गिरा दिया जाता है तो यह उचित तरीका नहीं है। अदालत ने कहा कि बुलडोजर से ध्वस्तीकरण का कार्य तभी किया जा सकता है, जब वह घर या मकान अवैध हो। इसके लिए भी पहले नोटिस, फिर जवाब देने और कानूनी उपाय तलाशने का समय और तब ध्वस्तीकरण होना चाहिए। इस मामले में 17 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।

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जानें सॉलिसिटर जनरल ने क्या दी दलील

इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी माना कि दोषी साबित होने के बाद भी घर या मकान नहीं गिराया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने अपनी दलील में यह साफ कर दिया कि जिन लोगों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन लिया गया है, उनका घर या निर्माण अवैध था। नगर निगम के नियमों के अनुसार यह एक्शन लिया गया, न कि अपराध की वजह से। जमीयत उलेमा ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग की है।

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