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'पराली पर मीटिंग हुई...एक्शन नहीं', दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार

Supreme Court on Delhi NCR Pollution: कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपाय सुझाने और लागू कराने को लेकर बनी कमिटी कमीशन फोर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने निर्देशों की पालना कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।
12:55 PM Oct 03, 2024 IST | Rakesh Choudhary
 पराली पर मीटिंग हुई   एक्शन नहीं   दिल्ली ncr में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
Supreme Court On Delhi NCR Pollution

Supreme Court Hearing on Delhi NCR Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के उपायों को लेकर हुई बैठक में बड़ा स्टेटमेंट दिया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपाय सुझाने और लागू कराने को लेकर बनी कमिटी कमीशन फोर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने निर्देशों की पालना कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली- NCR में पराली जलाने की घटनाओं और प्रदूषण की समस्या पर चिंता जताया। कोर्ट ने कहा समस्या समाधान को लेकर कुछ नहीं हो रहा, केवल मीटिंग हो रही है।

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मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा न तो पंजाब और न ही हरियाणा की ओर से निर्देशों की पालना कराने को लेकर कोई कदम उठाया गया।

आदेशों के कार्यान्वयन पर चर्चा तक नहीं की

कोर्ट ने CAQM के कार्यशैली पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि उसने आदेशों के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया। यहां तक कि सुरक्षा और आदेशों को लागू करने वाली उपसमिति ने जून 2021 के आदेशों के कार्यान्वयन पर चर्चा तक नहीं की। कोर्ट ने कहा कि सितंबर के आखिरी 15 दिनों में भी पंजाब में पराली जलाने के 129 मामले सामने आए हैं, जबकि इसी दौरान हरियाणा में 81 मामले सामने आ चुके हैं।

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पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं

कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में 2022 की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, हालांकि राज्यों ने जो कुछ किया है, वह पराली जलाने वालों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है। नियम तोने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए सीएक्यूएम के विशिष्ट निर्देशों की अनदेखी की जा रही है। मशीनें उपलब्ध होने के बावजूद उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। आयोग में नियुक्त विशेषज्ञ सदस्यों की क्षमता पर आपत्ति जताई गई है। समिति की एक बैठक में 11 में से केवल 5 सदस्य उपस्थित थे। समिति ने भी बैठक में भाग नहीं लिया कि जून 2021 के आदेशों के कार्यान्वयन पर चर्चा करें।

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