VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, EVM से वोटिंग और पर्चियों के मिलान पर जानें क्या कहा?
Supreme Court Verdiction On VVPAT Slips Verification: लोकसभा चुनाव 2024 की दूसरे फेज की वोटिंग के बीच EVM-VVPAT मशीनों से वोटिंग, पर्चियों के मिलान मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। VVPAT की पर्चियों के 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन की मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि वोटिंग EVM से ही होगी। बैलेट पेपर से आज 21वीं सदी में मतदान कराना संभव नहीं। VVPAT की पर्चियों का 100 प्रतिशत मतदान भी नहीं किया जाएगा, बल्कि उम्मीदवार के हस्ताक्षर के साथ पर्चियां सील की जाएंगी और इन्हें 45 दिन तक सुरक्षित रख जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने फैसला सुनाया है।
वकील प्रशांत भूषण की प्रतिक्रिया
याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हम लोगों का यह कहना था कि EVM में प्रोग्रामेबल मेमोरी होती है, इसलिए इसमें हेराफेरी हो सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हमारी इन मांगों को ठुकरा दिया है और कहा है कि चुनाव आयोग इसका सत्यापन करे कि सारे बैलेट पेपर पर अगर हम बारकोड डाल दे तो उसकी मशीन से गिनती हो सकती है या नहीं।
कोर्ट ने कहा है कि रिजल्ट घोषित होते ही अगर किसी उम्मीदवार को कोई शिकायत है तो नंबर 2 और 3 वाले उम्मीद्वार 7 दिन के भीतर शिकायत कर सकते हैं। उनकी शिकायत की जांच एक्सपर्ट इंजीनियर करेंगे। माइक्रो कंट्रोलर की जांच की जाएगी। गड़बड़ी हुई है या नहीं? जांच का खर्च उम्मीदवार उठाएगा। अगर जांच में गड़बड़ी पाई गई तो पैसा वापस होगा। सही पाया गया तो पैसा वापस नही होगा।
याचिका में की गई थी यह मांग
बता दें कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि EVM की बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराया जाए। EVM के डाटा का वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीन की पर्चियों से 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन कराया जाएगा। ADR के वकील प्रशांत भूषण ने मांग की थी कि वोटिंग करते समय VVPAT मशीन की स्क्रीन ऑन रहनी चाहिए। इससे वोटर स्लिप कटते हुए और गिरते हुए देख पाएगा। अभी VVPAT मशीन की स्क्रीन सिर्फ 7 सेकेंडड ऑन रहती है।