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'सड़कों पर गोलीबारी; खुलेआम फट रहे बम, बैंकों में लूट...', सीरिया से लौटे पहले भारतीय ने बताई भयावह सच्चाई

World News in Hindi: सीरिया में हालात किस कदर बिगड़ चुके हैं, वहां से लौटे भारतीय ने भयावह सच्चाई उजागर की है। राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है। वहां के राष्ट्रपति बशर अल असद देश से भाग चुके हैं। भारतीय ने जो चौंकाने वाली सच्चाई बताई है, उसके बारे में जानते हैं।
05:55 PM Dec 12, 2024 IST | Parmod chaudhary
 सड़कों पर गोलीबारी  खुलेआम फट रहे बम  बैंकों में लूट      सीरिया से लौटे पहले भारतीय ने बताई भयावह सच्चाई

World Latest News: सीरिया में बिगड़े हालातों के बीच 75 भारतीयों को सकुशल देश वापस लाया जा चुका है। सभी लोगों ने भारत सरकार का धन्यवाद जताया है। इन भारतीयों में शामिल गाजियाबाद निवासी शख्स ने सीरिया की भयावह सच्चाई उजागर की है। रवि भूषण ने ANI को बताया कि भारतीय दूतावास ने अपने लोगों की वापसी के लिए काफी प्रयास किए। भारत यहां फंसे अपने सभी नागरिकों को निकालने के लिए काम कर रहा है। सीरिया से लौटने वाली पहली टीम में वे शामिल रहे हैं। भारतीय दूतावास ने अपने हर नागरिक से संपर्क साध उत्साहवर्धन किया है। हर घंटे उन्हें संदेश भेजे जाते रहे। भारतीय दूतावास ने समय-समय पर उन लोगों को निर्देश दिए कि क्या करना है?

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किसी को भोजन या कुछ भी चीज की जरूरत महसूस हुई तो दूतावास ने उनको उपलब्ध करवाया। भारत सरकार ने अपने लोगों की सीरिया के अलावा लेबनान में भी सुध ली। इसके लिए वे सरकार और दूतावास के आभारी हैं। भूषण ने बताया कि सीरिया में लोगों की हालत खराब है। उन्होंने बच्चों और औरतों को 4-5 डिग्री तापमान में 10-12 घंटे तक कराहते देखा है। भूखमरी के कारण लोग मर रहे हैं। लेकिन उनके साथ ऐसी कोई भी स्थिति दूतावास की वजह से नहीं आई। उन लोगों को बिल्कुल परेशान नहीं होना पड़ा।

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बिजनेस करने गए थे सीरिया

हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में सीरियाई विद्रोहियों ने 27 नवंबर को जोरदार हमले शुरू किए थे। विद्रोहियों ने कुछ ही घंटे में दमिश्क पर कब्जा कर लिया। जिसके बाद राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश से भागकर रूस में शरण ले ली। सीरिया में सरेआम बैंक लूटे जा रहे हैं। सड़कों पर गोलीबारी हो रही है। बम फट रहे हैं। विद्रोही एयरपोर्ट को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं। होटलों और गाड़ियों को जलाया जा रहा है। कुछ दिन में वहां हालात और खराब होंगे।

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वे बिजनेस के सिलसिले में सीरिया गए थे। तब स्थिति ठीक थी, अचानक विद्रोहियों ने हमला किया। इसके बाद उन्होंने दूतावास से संपर्क किया था। उम्मीद नहीं थी कि 2-3 दिन में माहौल इतना खराब हो जाएगा। बताया जा रहा है कि जिन 75 लोगों को निकाला गया हैं, उनमें 44 जायरीन शामिल हैं। जो जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं। ये लोग सईदा जैनब (लेबनान) में फंसे हुए थे।

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