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हे राम! रेलवे को 62 करोड़ का चूना लगा चुकी ये ट्रेन, क्या है घाटे की वजह?

Tejas Express Gives 62 Crore Loss for Railways: भारतीय ट्रेनें देश के हर छोटे-बड़े स्टेशनों को आपस में जोड़ती हैं। यही वजह है कि ट्रेन में हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि एक ट्रेन ने रेलवे को करोड़ों का चूना लगा दिया है?
12:40 PM Sep 19, 2024 IST | Sakshi Pandey
हे राम  रेलवे को 62 करोड़ का चूना लगा चुकी ये ट्रेन  क्या है घाटे की वजह

Train with High Loss for Indian Railways: भारतीय रेल नेटवर्क का नाम दुनिया के सबसे बड़े रेल रूट की लिस्ट में शुमार है। भारतीय रेलवे हर दिन 12,817 ट्रेनों को ऑपरेट करता है, जिसमें 23 मिलियन यानी 2 करोड़ 30 लाख लोग सफर करते हैं। देश के हर हिस्से को आपस में जोड़ने वाले इस रेल नेटवर्क की काफी मांग है। इससे भारतीय रेलवे को अच्छा-खासा रेवन्यू मिलता है। रेलवे के अनुसार बेंगलुरु राजधानी एक्सप्रेस देश की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ट्रेन है। 2022-23 में इस ट्रेन से भारतीय रेलवे ने 176 करोड़ की शानदार कमाई की थी। हालांकि एक ट्रेन की वजह से भारतीय रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो गया है।

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क्या है ट्रेन का नाम?

ये ट्रेन कोई और नहीं बल्कि अक्सर सुर्खियों में रहने वाली तेजस एक्सप्रेस है। जी हां, दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस के कारण भारतीय रेलवे को 62 करोड़ से ज्यादा का घाटा झेलना पड़ा है। पिछले तीन सालों में इन दोनों ट्रेनों की वजह से रेलवे को कुल 628800000 रुपये का नुकसान हुआ है। भारतीय रेलवे ने 2019 में तेजस की जिम्मेदारी IRCTC को सौंपी थी। मगर रेलवे के प्राइवेटाइजेशन का यह मॉडल फेल साबित हो रहा है।

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रोज 200-250 सीटें खाली

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2022 में IRCTC ने दोनों तेजस ट्रेनों से नुकसान होने के संकेत दिए थे। दिल्ली से कानपुर के रास्ते लखनऊ जाने वाली तेजस एक्सप्रेस से रेलवे को 27.52 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसकी एक बड़ी वजह पैसेंजर्स का न होना है। लखनऊ से दिल्ली के बीच में चक्कर लगाने वाली इस ट्रेन की 200-250 सीटें खाली रहती हैं। आलम यह है कि हफ्ते में 6 दिन चलने वाली तेजस अब हफ्ते के 4 दिन ही चलती है।

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क्या है घाटे की वजह?

खबरों के अनुसार दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस की 200-250 सीटें रोज खाली रहती हैं। इसकी 2 बड़ी वजहें सामने आ रही हैं। पहला राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनें कम दाम में तेजस से बेहतर सुविधाएं देती हैं। तेजस का टिकट काफी महंगा भी है। ऐसे में शताब्दी और राजधानी में रिजर्वेशन न मिलने पर ही लोग तेजस का रुख करते हैं। दूसरा कारण कोविड-19 लॉकडाउन बताया जा रहा है।

कोरोना लॉकडाउन से हुआ नुकसान

दरअसल 2019 में जब पहली बार तेजस एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई, तो पहले ही साल ट्रेन ने 2.33 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। हालांकि अगले साल कोरोना ने दस्तक दी और देश में लॉकडाउन लग गया। 2021 में तेजस की वजह से रेलवे को 16.69 करोड़ का नुकसान हुआ, तो 2022 में 8.50 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ गया। वहीं पिछले साल तेजस एक्सप्रेस 27 करोड़ के घाटे में रही।

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