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आर्टिकल 370 से रियासी हमले तक, घाटी में सिर उठाते आतंक की कहानी का मास्टर माइंड बना TRF

The Resistance Front or TRF: जम्मू कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। मगर क्या आप जानते हैं कि टीआरएफ कब और कैसे अस्तित्व में आई? हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से ताल्लुक रखने वाली टीआरएफ पिछले 6 सालों से घाटी में एक्टिव है।
01:03 PM Jun 10, 2024 IST | Sakshi Pandey
आर्टिकल 370 से रियासी हमले तक  घाटी में सिर उठाते आतंक की कहानी का मास्टर माइंड बना trf

The Resistance Front or TRF: जम्मू कश्मीर में बीते दिन दिल दहला देने वाला आतंकी हमला देखने को मिला। इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई। 33 के लगभग लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह के दौरान आंतकियों ने जम्मू कश्मीर के रियासी में श्रद्धालुओं की बस को निशाना बनाया। वहीं इस घटना की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ (TRF) ने ली है। मगर क्या आप जानते हैं कि टीआरएफ कब और कैसे अस्तित्व में आई?

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लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन

5 अगस्त 2019, ये वही तारीख है जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का ऐलान किया था। पाकिस्तान समेत कई देशों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की। मगर अनुच्छेद 370 का खात्मा घाटी में एक नए आंतकी संगठन की वजह बन गया। जी हां, 2019 में ही टीआरएफ का जन्म हुआ। टीआरएफ को हाफिज सईद के आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का अंग माना जाता है।

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6 साल से घाटी में एक्टिव है टीआरएफ

2019 के बाद घाटी में हुए कई आंतकी हमलों की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। इससे साफ पता चलता है कि टीआरएफ जम्मू कश्मीर में काफी एक्टिव है और कई आंतकी घटनाओं को भी अंजाम दे चुकी है। टीआरएफ कश्मीरी पंडित, हिन्दू और सिखों को टारगेट बनाती है। वहीं भारत-पाकिस्तान में क्रॉस बॉर्ड टेरेरिज्म, हथियारों की तस्करी और ड्रग्स की तस्करी में भी टीआरएफ का अहम रोल है।

इन इलाकों में लोगों को बनाया निशाना

2019 के बाद से टीआरएफ जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। कुपवाड़ा से लेकर पुलवामा, अनंतनाग, सोपोर, बांदीपोरा, श्रीनगर और कुलगाम तक टीआरएफ सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम नागरिकों और यात्रियों को भी अपना निशाना बना चुका है।

सरकार ने लगाया बैन

टीआरएफ के खिलाफ एक्शन लेते हुए भारत सरकार ने 2023 में UAPA के अंतर्गत इसे बैन कर दिया था। दरअसल 2018 में कश्मीरी जर्नलिस्ट शुजात बुखारी की हत्या हो गई थी। जिसके पीछे टीआरएफ का हाथ सामने आया था। ऐसे में सरकार ने ना सिर्फ टीआरएफ पर प्रतिबंध लगा दिया बल्कि टीआरएफ के लीडर शेख सज्जाद गुल को भी आतंकी घोषित कर दिया था।

FATF की ग्रे लिस्ट में पहुंचा पाकिस्तान

टीआरएफ का जन्म इस बात का साफ संकेत है कि पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ लगाम नहीं कसी है। लश्कर-ए-तैयबा के बाद टीआरएफ के अस्तित्व में आने की वजह से FATF ने पाकिस्तान को 2018 के बाद से ग्रे लिस्ट में डाल रखा है।

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