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डूबते का सहारा बंगाल! वो उम्‍मीदवार, ज‍िन्‍हें 'घर' में नहीं म‍िली जगह तो दीदी का थामा दामन

TMC External Candidates: टीएमसी ने 10 मार्च को बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार का ऐलान किया। इस लिस्ट में कुछ उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जो बंगाल के रहने वाले नहीं हैं। इनमें कई बड़े नाम शामिल हैं। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं...
09:33 AM Mar 15, 2024 IST | Achyut Kumar

Lok Sabha Election 2024 TMC External Candidates: लोकसभा चुनाव की तारीखों का अब किसी भी दिन ऐलान हो सकता है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें कीर्ति आजाद, शत्रुघ्न सिन्हा और यूसुफ पठान का भी नाम शामिल हैं। ये लोग बंगाल के रहने वाले नहीं हैं। फिर भी इन पर भरोसा जताते हुए इन्हें प्रत्याशी बनाया गया है।

कीर्ति आजाद को वर्धमान-दुर्गापुर से मिला टिकट

कीर्ति आजाद का पूरा नाम कीर्तिवर्धन भागवत झा आजाद है। उनका जन्म 2 जनवरी 1959 को बिहार के भागलपुर में हुआ। वे 2021 से टीएमसी के साथ हैं। अब लोकसभा चुनाव में कीर्ति को बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। उनके पिता भागवत झा बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। कीर्ति पहली बार 1999 में बीजेपी के टिकट पर दरभंगा से सांसद चुने गए। इसके बाद वे 2009 और 2014 में भी सांसद चुने गए।  इससे पहले वे दिल्ली से विधायक भी रहे।

कीर्ति को 2015 में बीजेपी ने किया निलंबित

कीर्ति आजाद को 23 दिसंबर 2015 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधने पर पार्टी से निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद वे 18 फरवरी 2019 को कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस ने कीर्ति को धनबाद से प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे बीजेपी के पशुपति नाथ सिंह से 4.8 लाख वोटों के बड़े अंतर से चुनाव हार गए। इसके बाद नवंबर 2021 में वे टीएमसी में शामिल हुए। तब से लेकर अब तक वे टीएमसी में ही हैं। वे गोवा के प्रभारी भी हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा का पूरा नाम शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा है। उनका जन्म 15 जुलाई 1946 को हुआ। वे इस समय बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से सांसद हैं। इससे पहले, वे 2009 से लेकर 2019 तक पटना साहिब से सांसद रहे। सिन्हा 1996 से लेकर 2008 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी आत्मकथा 'एनीथिंग बट खामोश' 2016 में रिलीज हुई। टीएमसी ने इस बार फिर से आसनसोल से 'बिहारी बाबू' को टिकट दिया है। इससे पहले वे 16 अप्रैल 2022 को हुए उपचुनाव में यहां से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे थे।

यूसुफ पठान

पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की भी राजनीति में एंट्री हो गई है। उन्हें टीएमसी ने मुर्शिदाबाद की बहरामपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। टीएमसी ने यूसुफ के चुनाव प्रचार के लिए ट्रांसलेटर की भी व्यवस्था कराई है। उनके लिए गुजराती रसोइए का इंतजाम किया गया है। यूसुफ  का जन्म 17 नवंबर 1982 को गुजरात के बड़ौदा में हुआ।

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टीएमसी ने सभी 42 सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार

टीएमसी ने 10 मार्च को बंगाल की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया। पार्टी ने इस बार नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती समेत 7 सांसदों के टिकट काट दिए हैं। वहीं, 16 सांसदों पर फिर से भरोसा जताया गया है। इसके अलावा, 9 विधायकों को लोकसभा जाने का मौका दिया गया है।

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