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जवाहर सरकार कौन? कोलकाता कांड के विरोध में छोड़ी TMC, ममता बनर्जी के लिए कही ये बड़ी बात

TMC MP Jawahar Sarkar Resignation: टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कोलकाता कांड को लेकर उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर टिप्पणी भी की। जवाहर सरकार की गिनती टीएमसी के बड़े नेताओं में होती थी।
04:00 PM Sep 08, 2024 IST | Parmod chaudhary
जवाहर सरकार कौन  कोलकाता कांड के विरोध में छोड़ी tmc  ममता बनर्जी के लिए कही ये बड़ी बात

Jawahar Sarkar Resignation: कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला सामने आने के बाद देशभर में गुस्सा दिखा था। इस मामले में विपक्ष ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी घेरा था। आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी के मामले में अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने कोलकाता कांड के विरोध में पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है।

उन्होंने कहा कि वे राज्यसभा से भी जल्द इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कोलकाता कांड के विरोध में एक लेटर भी ममता बनर्जी को लिखा है। जिसमें कहा है कि उनको उम्मीद थी कि ममता मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगी। दरिंदगी के खिलाफ कड़ा कदम उठाएंगी। जवाहर सरकार के मामले में टीएमसी की प्रतिक्रिया भी आई है।

लेटर लिखकर बोले-भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

जवाहर सरकार ने अपने लेटर में सीएम ममता बनर्जी से उम्मीद जताई है कि प्रदेश में जल्द शांति कायम होगी। इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनको सख्त से सख्त सजा मिलेगी। अस्पताल में हुई भयावह घटना से वे दुखी हैं। मुझे उम्मीद थी कि ममता अपनी पुरानी शैली में कठोर कार्रवाई करेंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कुछ पसंदीदा और भ्रष्ट लोगों के कारण आज जनता दुखी हो चुकी है। जवाहर सरकार ने टीएमसी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि नगरपालिका और पंचायत में स्थानीय नेताओं ने भ्रष्टाचार करके मोटा पैसा कमाया है।

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स्थानीय नेताओं की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ है। मैं भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं कर सकता। मामले में टीएमसी नेता कुणाल घोष का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उनको जवाहर सरकार का निर्णय पता लगा है। वे देश के अच्छे नौकरशाहों में एक रहे हैं। उनके निर्णय पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। वे पश्चिम बंगाल के लिए अच्छी उपलब्धि रहे हैं। हम उनके पत्र के बड़े हिस्से से सहमत हैं। उनको निर्णय लेने का अधिकार है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई के पास जा चुका है। उनको ही इसका समाधान करना है।

एनडीए से रही है उनकी खटपट

बता दें कि जवाहर सरकार IAS अधिकारी रहे हैं। जो केंद्र में भी अपने सेवाएं दे चुके हैं। 1975 में पद ज्वाइन किया था। 2016 में उन्होंने प्रसार भारती के CEO पद से रिजाइन किया था। NDA सरकार से खटपट के चलते कार्यकाल बीच में छोड़ा था। यह पद उन्होंने 2012 में संभाला था। इस्तीफा देने के बाद भी वे एनडीए पर हमलावर रहे। 2021 में TMC ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। 2008 से लेकर 2012 तक वे संस्कृति मंत्रालय में सेक्रेटरी रहे। सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहकर उन्होंने रिकॉर्ड बनाया था।

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