whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

सावधान! शिमला घूमने जा रहे हैं, तो अपना पानी साथ लेकर जाएं...सामने आई ये वजह

Water Shortage in Shimla: देश के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी के लोग परेशान है। ऐसे में लोग लू से बचने के लिए पहाड़ों का रूख कर रहे हैं। लोगों के पहाड़ों में जाने के कारण शिमला जैसे शहरों में भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है।
09:05 AM Jun 18, 2024 IST | Rakesh Choudhary
सावधान  शिमला घूमने जा रहे हैं  तो अपना पानी साथ लेकर जाएं   सामने आई ये वजह
शिमला में एक बार फिर भीषण जल संकट

Water Crisis in Shimla: पूरा उत्तर भारत इन दिनों लू के तेवरों से परेशान है। ऐसे में मैदानी लोग गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ों का रूख कर रहे हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में टूरिस्ट बढ़ने और बारिश नहीं होने के चलते सभी जल स्त्रोत सूख गए हैं। ऐसे में राजधानी शिमला समेत कई शहरों में 3-4 दिन में पानी की आपूर्ति हो रही है। रोजाना पानी की आपूर्ति के लिए अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

Advertisement

राज्य जल अधिकारियों की मानें तो शिमला को रोजाना 43 मिलियन प्रति लीटर पानी की जरूरत है लेकिन उसे केवल 30 एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है। बता दें कि शिमला में कुल 276 पंजीकृत होटल हैं वहीं अपंजीकृत होटलों का कोई रिकाॅर्ड नहीं है। ऐसे में होटलों के मालिक पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी टैंकरों से पानी खरीदते हैं और प्रति टैंकर 2 हजार से 5000 रुपए के बीच भुगतान किया जाता है। बता दें कि शिमला को गुम्मा, गिरि, चुरट, चाड, सेग और कोटी-ब्रांडी जैसी अलग-अलग जल परियोजनाओं से पानी की आपूर्ति होती है।

पानी की कमी के लिए अधिकारी दोषी नहीं

शिमला होटल और पर्यटन संघ के अध्यक्ष एम के सेठ ने कहा कि लू और गर्मी तथा बारिश नहीं होने के कारण पीने के पानी की समस्या और बढ़ गई है। उन्होंने कहा अन्यथा पिछले कुछ वर्षों में आपूर्ति सामान्य रहती थी और पीक सीजन के दौरान केवल कुछ टैंकर खरीदने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि बारिश न होने के कारण जल स्रोत सूख गए हैं, इसलिए अधिकारियों को भी पानी की कमी के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

Advertisement

2018 में सामने आया था भीषण जल संकट

बता दें कि शिमला में 2018 की गर्मियों के दौरान भी भीषण जल संकट का सामना किया था। हालात यह थे कि शिमला में सप्लाई के लिए पानी नहीं था। उस वक्त हिमाचल में भाजपा की सरकार थी। लोगों ने पानी के लिए कई दिनों तक व्यापक आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हुआ था। पीने के पानी की मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने टैंकरों में पानी की आपूर्ति की थी लेकिन ऐसी व्यवस्था पर्याप्त साबित हुई।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः बस खत्म होने वाला है गर्मी का कहर! बरसेंगे राहत के बादल, ठंडी हवाएं कर देंगी कूल

ये भी पढ़ेंः भीषण गर्मी से दिल्ली-बागडोगरा फ्लाइट 4 घंटे लेट रवाना, इंडिगो ने असुविधा के लिए जताया खेद

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो