whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

30 जुलाई को आसमान में बनेगा अनोखा संयोग, एक नहीं दो टूटते तारे एक-साथ आएंगे नजर

Two Meteor Showers 30 July: बचपन में टूटते हुए तारे को देखकर बच्चे खुशी से झूम उठते हैं। बड़े होने के बावजूद कई लोगों को टूटता तारा देखकर अपना बचपन याद आता है। वहीं 30 जुलाई को आसमान में एक अनोखा संयोग बनने जा रहा है। इस दौरान दो टूटते तारे एक साथ नजर आएंगे।
04:23 PM Jul 29, 2024 IST | Sakshi Pandey
30 जुलाई को आसमान में बनेगा अनोखा संयोग  एक नहीं दो टूटते तारे एक साथ आएंगे नजर
Two Meteors Showers Pic Credit: Google

Two Meteor Showers 30 July: अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वालों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। 30 जुलाई को आसमान में एक विचित्र संयोग बनने वाला है। दो उल्कापिंड (Meteor) एक साथ आसमान में नजर आएंगे। वैज्ञानिकों ने इन्हें डेल्टा एक्वेरिड और अल्फा कैप्रिकॉर्निड का नाम दिया है।

Advertisement

उल्कापिंडों के नाम

डेल्टा एक्वेरिड एक हाई स्पीड और सबसे ज्यादा चमकने वाला उल्कापिंड है। वहीं अल्फा कैप्रिकॉर्निड अपनी धीमी रफ्तार और खूबसूरत रंगों के लिए मशहूर है। इन दोनों उल्कापिंडों का अनोखा संगम 30 जुलाई की रात को आसमान में दिखेगा। खासकर टेलिस्कोप की मदद से इन्हें आसानी से देखा जा सकेगा।

क्यों होता है उल्कापात?

अंतरिक्ष में उल्कापात (Meteor Showers) कोई नई बात नहीं है। आम लोग इसे टूटते तारे के रूप में पहचानते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि उल्कापात वास्तव में क्यों होता है। दरअसल ये एक तरह की खगोलीय घटना है। जब धरती धूमकेतु (Comets) और क्षुद्रग्रहों (Asteroids) के बीच से होकर गुजरती है, तभी उल्कापात देखने को मिलता है। आमतौर पर उल्कापिंड 1 लाख प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हैं। वहीं अलग-अलग आकार के साथ ये रंग-बिरंगे होते हैं। यही वजह है कि इसे शूटिंग स्टार यानी टूटता तारा कहा जाता है।

Advertisement

Advertisement

कहां देख सकेंगे उल्कापात?

30 जुलाई की रात को होने वाले उल्कापात को आसमान में आसानी से देखा जा सकेगा। मुमकिन है कि लाइट प्रदूषण के कारण इन्हें देखना थोड़ा मुश्किल हो जाए। ऐसे में उल्कापात देखने के लिए आप किसी अंधेरी जगह का चुनाव कर सकते हैं। खासकर गांव या अंधेरे पार्क में, जहां से आसमान खुला और साफ दिखता है, वहां दोनों उल्कापिंड आसानी से नजर आ सकेंगे। वहीं अगर आप चाहें तो उल्कापिंड को देखने के लिए टेलिस्कोप की भी मदद ले सकते हैं। दरअसल ये दोनों उल्कापिंड सूरज के चक्कर लगाते हैं। 30 जुलाई की रात ये धरती के बेहद करीब होंगे। इसलिए कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हर कुछ मिनट में ये उल्कापिंड बार-बार आसमान में नजर आएंगे।

यह भी पढ़ें- 1982 से लगातार ट्रांसमिट हो रहा रेडियो सिग्नल! अब भी नहीं खुल पाया रहस्य, वैज्ञानिक हैरान

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो