क्या प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को भी मिलेगा नई पेंशन स्कीम UPS का फायदा?
Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम का ऐलान कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों के पास विकल्प होगा कि वह पुरानी स्कीम NPS में ही रहें या फिर नई स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम UPS को चुनें। मोदी सरकार की इस पेंशन स्कीम में ऐसे कई फायदे हैं, जो कर्मचारियों की लाइफ रिटायरमेंट के बाद आसान बना सकती है।
मसलन 25 साल नौकरी के बाद बेसिक सैलरी की 50 फीसदी पेंशन, 10 साल नौकरी के बाद 10 हजार रुपये पेंशन जैसे प्रावधान हैं। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर्स को भी उम्मीद जगी है कि उन्हें भी इस स्कीम का फायदा मिलेगा। हालांकि अभी केंद्र सरकार ने योजना और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को लेकर कुछ नहीं कहा है। लेकिन आगे चलकर निजी सेक्टर को इसमें शामिल किया जा सकता है।
क्यों बढ़ी उम्मीद
National Pension Scheme को साल 2004 में लागू किया गया था। उस समय भी यह स्कीम UPS की तरह सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए ही थी। मगर कुछ साल बाद 2009 में निजी सेक्टर को भी इसमें शामिल कर लिया गया। यह सुपरहिट साबित हुआ। साल दर साल इसमें बढ़ोतरी होती चली गई। हर साल इसमें 28 फीसदी से भी ज्यादा ग्रोथ देखने को मिली। इस साल जुलाई में NPS Assets में 39 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई और यह 2.59 लाख करोड़ की संपत्ति बन गई। हर साल इसमें 9 लाख से ज्यादा प्राइवेट कर्मचारी जुड़ते चले गए। पिछले महीने तक करीब 58 लाख कर्मचारी निजी सेक्टर से ही थे। ऐसे में इस स्कीम को और ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए हो सकता है कि जल्द ही इसे निजी सेक्टर में भी लागू कर दिया जाए।
बता दें कि एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) एक स्वैच्छिक योजना है, जिसमें 18-60 आयु वर्ग के सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों को कवर किया जाता है। बुढ़ापे में भी नियमित आय होती रहे। कर्मचारी की जिंदगी आराम से कट जाए, इसकी चिंता सरकार को होती है। चाहे व्यक्ति बिजनेस कर रहा हो या नौकरी। बुजुर्गों की जिम्मेदारी समाज के साथ सरकार की होती है। सरकार ने उनके प्रयास के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की हैं। नेशनल पेंशन योजना उसी का हिस्सा है। जिसमें व्यक्ति को 60 वर्ष पूरे होने के बाद संरक्षित आय का हिस्सा मिलना शुरू होता है। NPS योजना में दो प्रकार के खाते खोले जाते हैं। टियर वन और टू।
NPS में खोले जाते हैं दो प्रकार के खाते
वन में कर्मचारी 60 वर्ष की आयु तक पैसा नहीं निकालते हैं। जिसके बाद शेष जिंदगी के लिए उनको पेंशन प्रदान की जाती है। टू एक स्वैच्छिक बचत खाता है। जिसमें कर्मचारी जब चाहे पैसा निकाल सकता है। लेकिन यह खाता खोलने से पहले टियर वन का सक्रिय खाता होना जरूरी होता है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद कर्मचारी को लाभ लेने के लिए CRA की ओर खोले गए सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) के बारे में सूचित किया जाता है। इसके बाद कर्मचारी अपने चुने POP-SP के माध्यम से अपना सदस्यता शुल्क जमा करना शुरू करता है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद कर्मचारी को लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
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