काशी की मस्जिद का असली मालिक कौन? UP College विवाद के बीच जानें मस्जिद का इतिहास
UP College Masjid Controversy History: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे की खबरें सामने आईं तो देश की कई अन्य मस्जिदें भी रडार पर आ गईं। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) का है। यूपी कॉलेज में स्थित मस्जिद पर भी सवाल उठने लगे हैं। 24 नवंबर को संभल में दंगें भड़के और 29 नवंबर को यूपी कॉलेज की मस्जिद भी सुर्खियों में आ गई।
क्या है पूरा मामला?
29 नवंबर को शुक्रवार के दिन 100 से भी ज्यादा लोग जुम्मे की नमाज अदा करने यूपी कॉलेज पहुंच गए। कॉलेज में जुटी भीड़ देखकर पुलिस भी अलर्ट थी। इसी बीच कॉलेज के छात्रों ने भी हनुमान चालीसा पढ़नी शुरू कर दी। विवाद बढ़ता देखकर मस्जिद के दरवाजे पर ताला लगा दिया गया। कुछ दिन बाद दरवाजे पर एक नहीं बल्कि दो ताले लगे मिले तो हर तरफ हड़कंप मच गया।
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मस्जिद पर किसका हक?
यूपी कॉलेज में विवाद बढ़ता देखकर यहां बाहरी लोगों की एंट्री बैन कर दी गई। पुलिस का कहना है कि सिर्फ कॉलेज के लोगों को ही अंदर जाने की अनुमति है। राजस्व रिकॉर्ड की मानें तो जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वो जमीन यूपी कॉलेज का हिस्सा है। यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी यूपी कॉलेज से अपना दावा हटा लिया है।
How ridiculous the misuse of WAQF power can be :
Udai Pratap Autonomous College, often known as UP College in Varanasi, is 115 years old and has around 20,000 students studying on its 100-acre campus.
The Lucknow Waqf Board has claimed the entire campus as Waqf property. pic.twitter.com/yrQgJ6oPsA
— Rishi Bagree (@rishibagree) November 28, 2024
रिकॉर्ड्स में मस्जिद का जिक्र नहीं- डीएम
वाराणसी के डीएम एस.राजालिंगम का कहना है कि मस्जिद की पूरी जमीन यूपी कॉलेज की प्रॉपर्टी है। इसे प्राइवेट प्रॉपर्टी के रूप में दिखाया गया है। हालांकि इस जमीन पर मस्जिद होने का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि यूपी कॉलेज में आखिर मस्जिद कब और किसने बनवाई?
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किसने बनवाई थी मस्जिद?
इतिहास के पन्नों में देखें तो टोंक के नवाब ने 19वीं सदी के दौरान इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। मस्जिद की देखभाल करने वाले मोहम्मद नजीर का कहना है कि 1867 में राजस्थान के नवाब मोहम्मद अली खान को अंग्रेजों ने वाराणसी में कैद किया था। उन्हें आजाद करने के लिए ब्रिटिशर्स ने शर्त रखी कि वो टोंक वापस नहीं जाएंगे। ऐसे में टोंक के नवाब वाराणसी में ही बस गए।
मुस्लिम वक्फ बोर्ड ने सांप के बील में उंगली डाल दिया है।
1909 में स्थापित उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी के 100 एकड़ जमीन पर अपना दावा ठोक कर बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले लिया है। 17 हजार विद्यार्थियों वाला पूरा कैंपस उदय प्रताप सिंह जूदेव द्वारा दाम की हुई जमीन पर बना है। योगी जी ने इसे… pic.twitter.com/6uHHVZdNuP— P.N.Rai (@PNRai1) December 4, 2024
दिन में 5 बार होती है नमाज
मोहम्मद नजीर ने बताया कि टोंक के नवाब ने उस दौरान 2 मस्जिदों का निर्माण करवाया। पहली मस्जिद यूपी कॉलेज में है और दूसरी मस्जिद वहां से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। दोनों मस्जिदों में 5 बार की नमाज अदा की जाती है। आसपास के लोग भी मस्जिदों में नमाज पढ़ने आते हैं। हर रोज 25-30 लोग मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं, वहीं शुक्रवार को यह आंकड़ा 200 तक पहुंच जाता है।
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पहले भी हो चुका है विरोध
यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि यह मस्जिद वास्तव में एक मजार है। छात्रों के लाख मना करने के बावजूद इसका दायरा बढ़ता चला गया। पहले भी कई लोगों ने मस्जिद का विरोध किया है। हालांकि बाहरी लोगों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।
क्यों शुरू हुआ विवाद?
बता दें कि 2018 में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद समेत यूपी कॉलेज पर ही अपना दावा ठोका था। वक्फ बोर्ड का कहना था कि यह प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की है। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज से अपना दावा हटा लिया। इसी बीच कॉलेज परिसर में मौजूद मस्जिद भी चर्चा में आ गई।
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