22 घंटे पहले कांग्रेसी, अब भगवाधारी हुए ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट विजेंदर सिंह, एक दिन में आखिर ऐसा क्या हुआ?
Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी अखाड़ा सजकर तैयार हो गया है। राजनीतिक दल एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए दो-दो हाथ कर रहे हैं। ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और बॉक्सर विजेंदर सिंह ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। वे 22 घंटे पहले कांग्रेसी थे। आखिर एक दिन में ऐसा क्या हुआ कि वे भगवाधारी हो गए। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?
विजेंदर सिंह 22 घंटे पहले तक भाजपा के खिलाफ टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पोस्ट पर रिपोस्ट किया था, जिसमें लिखा है- आज एक युवा ने मुझे ये वीडियो भेजा! अब भ्रम और भय का जाल तोड़कर सच्चाई सामने आ रही है। अबकी बार प्रोप्रेगैंडा के पापा की दाल नहीं दलने वाली, जनता खुद उन्हें आइना दिखाने को तैयार बैठी है।
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Vijender Singh Repost
विजेंदर सिंह ने राहुल गांधी के पोस्ट को किया रिपोस्ट
बॉक्सर विजेंदर सिंह ने राहुल गांधी के एक और पोस्ट को रिपोस्ट किया। इसके माध्यम से कहा गया कि नरेंद्र मोदी ‘मैच फिक्सिंग’ से चुनाव जीत कर संविधान बदलना चाहते हैं। प्लेयर खरीद कर कैप्टन को डरा कर, अंपायर पर दबाव डाल कर और EVM के दम पर 400 पार का नारा लगा रहे हैं। जबकि हकीकत में सब मिला कर भी वह 180 पार करने की हालत में नहीं हैं। यह चुनाव सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है।
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केंद्र के खिलाफ आवाज बुलंद करते थे बॉक्सर
चाहे दिल्ली के जंतर-मंतर में पहलवानों का धरना प्रदर्शन हो या फिर किसान आंदोलन में किसान शुभकरण सिंह की मौत, विजेंदर सिंह ने दोनों ही मामलों का सपोर्ट किया था। वे पहलवानों के साथ धरना प्रदर्शन में बैठे थे और केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। साथ ही उन्होंने 30 मार्च को एक्स पर पोस्ट कर कहा था कि शहीद किसान शुभकरण सिंह अमर रहे।
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विनोद तावड़े ने दिलाई भाजपा की सदस्यता
जब विजेंदर सिंह कांग्रेस में थे, तब वे केंद्र और भाजपा के खिलाफ आवाज उठाते थे। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में साउथ दिल्ली से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे। आखिर एक दिन में ऐसा क्या हुआ कि उनका मन बदल गया और वे भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
राहुल गांधी से पूछे 3 सवाल
विनोद तावड़े ने राहुल गांधी से तीन सवाल किए। वायनाड में राहुल गांधी SDPI से समर्थन ले रहे हैं। इसका संबंध पीएफआई से है। इस पर कर्नाटक में भी है। आतंकवाद से कांग्रेस का तालमेल लगातार रहा है। अब्दुल नासिर बरनी को रिहा करने की मांग की गई थी। क्या मोहब्बत की दुकान में आतंकवाद भी है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली की रैली में राहुल गांधी के साथ लोग तो आए, लेकिन वायनाड और पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ वाले भी थे, क्या यह गठबंधन है। उन्होंने लास्ट सवाल पूछा कि कांग्रेस के विज्ञापन में कांग्रेस अध्यक्ष सहित सोनिया गांधी और राहुल गांधी का फोटो नहीं है। क्या उनके फोटो देने से वोट कम हो जाएगा?