'पश्चिम बंगाल में जहां हुई हिंसा, वहां न हों लोकसभा चुनाव', हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
Violence on Ram Navami in Bengal: पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंसा को लेकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से नाराजगी जाहिर की। आगे कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर जहां हिंसा हुई है क्यों न वहां लोकसभा चुनाव न कराए जाएं?
Ram Navami violence: Calcutta High Court asks EC to postpone voting in Berhampur https://t.co/QecQsPfLgI
— Saji Abraham (@SajiAbraham_) April 23, 2024
अदालत ने उठाए सवाल
गौरतलब है कि बंगाल में 7 मई और 13 मई को मतदान होने हैं, यहां 4 जून को मतगणना होगी। मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने हिंसा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल खड़ा किया। कोर्ट ने कहा हम कहते हैं कि चुनाव कराने ही नहीं चाहिए, चुनाव कराने का क्या फायदा है?
केंद्रीय बल क्या कर रहा था?
अदालत ने सवाल किया कि जब हिंसा हुई तो केंद्रीय बल क्या कर रहा था? राज्य में लोकसभा चुनाव है और यहां आचार संहिता लागू है। बावजूद इसके हिंसा हुई, उस समय पुलिस क्या कर रही थी? जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा शहर और मेदिनीपुर के इगरा में दो समुदायों के बीच हिंसा हुई थी। इस हिंसक झड़प में 18 लोग घायल हुए थे।
कोर्ट ने दी चेतावनी
कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा क्या जिन इलाकों में हिंसा हुई वहां चुनाव स्थगित हो सकते हैं? कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा जहां राम नवमी समारोह के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई है। कोर्ट ने कहा कि यही एकमात्र तरीका है यदि लोग शांति और सद्भाव नहीं रख सकते हैं तो चुनाव आयोग हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव न कराए।