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कौन हैं वीके पांडियन? राजनीति से लिया संन्यास, हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से मांगी माफी

Naveen Patnaik Aide VK Pandian Profile: ओडिशा में पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन ने राजनीति छोड़ दी है। उन्होंने यह कदम लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद उठाया। BJD का इस इस बार ओडिशा से खाता भी नहीं खुल पाया। पांडियन ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी और राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है। जानें, वीके पांडियन कौन हैं:
05:29 PM Jun 09, 2024 IST | Rajesh Bharti
कौन हैं वीके पांडियन  राजनीति से लिया संन्यास  हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से मांगी माफी
VK Pandian

Naveen Patnaik Aide VK Pandian Profile : ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD) की हार के बाद पार्टी में भूचाल आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और BJD प्रमुख नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन ने रविवार को पार्टी छोड़ दी और राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उनके इस कदम को काफी हैरान भरा माना जा रहा है क्योंकि पांडियन को नवीन पटनायक का उत्ताधिकारी बनाने की बात सामने आई थी। राजनीति से संन्यास लेने के बाद पांडियन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर उनसे कोई गलती हुई है तो माफ करें। ओडिशा में BJD लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। राज्य में लोकसभा की 21 सीट हैं। BJD को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली, जबकि पिछली बार पार्टी ने यहां से 12 सीटें जीती थीं। इस बार 20 सीटें बीजेपी ने और एक कांग्रेस ने जीती है।

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IAS थे, बाद में राजनीति में आए

मई 1974 को पैदा हुए पांडियन आईएएस थे। वह पिछले साल नौकरी छोड़ राजनीति में आए और BJD में शामिल हुए। उन्होंने तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद दिल्ली स्थिति इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टिट्यूट, पूसा से मास्टर डिग्री ली। साल 2000 में उन्होंने UPSC परीक्षा पास की और पंजाब कैडर में IAS बने।

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ओडिशा में आए तूफान से प्रदेश को उबारा

पांडियन के करियर शुरू करने के कुछ ही समय बाद ओडिशा में एक तूफान आया जिसने ओडिशा को काफी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद 2002 में वह ओडिशा के कालाहांडी जिले के धरमगढ़ में सब-कलेक्टर के तौर पर नियुक्त हुए। इन्होंने यहां किसानों के लिए MSP पर उम्दा काम किया। इसके बाद 2004 में पांडियन की राउरकेला में अतिरिक्त जिला जज के तौर पर नियुक्ति हुई। वहां दिवालिया हो चुकी RDA (Rourkela Development Agency) को पांडियन ने अपने नेतृत्व में 15 करोड़ रुपये की फंडिंग दिलवाई ताकि RDA उन लोगों को पैसा वापस कर सके जिन्हें घर बनाने के सपने दिखाए थे और उनके रकम ली थी। पांडियन के इस काम भी काफी तारीफ हुई।

देश से सबसे युवा जिला अधिकारी बने

साल 2005 में पांडियन ओडिशा में ही मयूरभंग के जिला अधिकारी बने। उस समय पांडियान देश के किसी भी जिले के सबसे युवा जिला अधिकारी थे। उन्होंने दिव्यांगों की पेंशन के लिए सर्टिफिकेट दिलवाने से संबंधित सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किया। इसके उनके बेहतरीन योगदान के लिए राष्ट्रपति ने नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया। उनके इस सिंगल विंडो सिस्टम को बाद में देशभर में लागू किया गया। इसके बाद पांडियन ने लोगों की भलाई से जुड़े कई काम किए।

...और हो गई राजनीति में एंट्री

अक्टूबर 2023 में पांडियन ने नौकरी से रिटायरमेंट ले लिया और 5T (Transformational Initiatives) के चेयरमैन चुने गए। 27 नंवबर 2023 को पांडियन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की मौजूदगी में BJD जॉइन कर ली।

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