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'राजनीति में ईमानदारी क्या होती है, कोई उनसे सीख सकता है', मनमोहन सिंह के निधन पर बोले राजीव शुक्ला

Manmohan Singh Death: देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान गुरुवार देर शाम उन्होंने आखिरी सांसें ली।
11:57 PM Dec 26, 2024 IST | Ashutosh Singh
 राजनीति में ईमानदारी क्या होती है  कोई उनसे सीख सकता है   मनमोहन सिंह के निधन पर बोले राजीव शुक्ला

 Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने मनमोहन सिंह के निधन की घोषणा की। उन्हें गंभीर हालत में रात करीब साढ़े आठ बजे आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था।

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उनके निधन के बाद कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, "उन्हें उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके ज्ञान और दूरदर्शिता ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया।

राजीव शुक्ला ने जताया दुख

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर राजीव शुक्ला ने ANI से कहा, "राजनीति में ईमानदारी क्या होती है, कोई उनसे सीख सकता है। वो हमेशा छोटी-छोटी चीजों में सावधानी बरतते थे। यहां तक सरकारी खर्चे का भी ध्यान रखते थे।" उन्होंने एक किस्सा बताते हुए कहा , "एक बार पीएम आवास में बारिश का पानी आ रहा था। इस दौरान वहां PWD के इंजीनियर आए हुए थे। वो कैनोपी यानी छतरी लगा रहे थे। जब वो आए और उन्होंने देखा तो पूछा कि वो क्या कर रहे हैं और इसका क्या खर्च आएगा? जब इंजीनियर ने बताया कि इसमें 30000 का खर्च आएगा तो उन्होंने उसे मना कर दिया। इस तरह से सरकारी पैसे को बचाते थे। वो बहुत सादगी से रहते थे।"

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'इतिहास हमें याद करेगा'

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद करते हुए राजीव शुक्ला ने कहा, "वो हमेशा कहते थे कि इतिहास हमें याद करेगा। लोग याद करेंगे कि हमने क्या काम किया है। लोग कुछ भी कह सकते हैं। उन्होंने आगे बताया, "वो अपने पैतृक गांव जाना चाहते थे। मैंने उनसे पूछा था कि वो कहां जाना चाहते हैं तो उन्होंने कहा था कि वो अपने घर नहीं बल्कि वो उस स्कूल में जाना चाहते हैं, जहां पर उन्होंने कक्षा 4 तक पढ़ाई की थी।"

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'संघर्ष करते हुए बीता बचपन'

राजीव शुक्ला ने कहा, "उनका बचपन कठिनाई में बीता था। उनकी मां का निधन बहुत पहले हो गया था। उनके पिता पेशावर में नौकरी करते थे।उनकी पालन-पोषण उनके दादा और दादी ने किया था।बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आया था। वो पढ़ने में बहुत अच्छे थे। उन्होने स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में टॉप किया था।"

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