शैलो फॉग और स्मॉग क्या है? Delhi-NCR में क्यों हैं ये खतरनाक हालात
Air Pollution: Delhi-NCR में इन दिनों सुबह-सुबह आसमान पर एक अजीब सी धुंध और हल्का धुआं छाया हुआ दिखाई दे रहा है। इसे शैलो फॉग और स्मॉग कहा जा रहा है, जो अब शहर के लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल बना रहा है। लेकिन आखिर यह शैलो फॉग और स्मॉग होता क्या है? और क्यों अचानक दिल्ली-एनसीआर की हवा इतनी जहरीली हो गई है? क्या ये खतरे हमारे सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं? आइए जानते हैं...
शैलो फॉग और स्मॉग में क्या अंतर है
शैलो फॉग और स्मॉग दोनों तरह की धुंध हैं, लेकिन इनका कारण और असर अलग होता है। शैलो फॉग जमीन के पास बनने वाली हल्की धुंध है, जो ठंडी रात में नमी से बनती है और सुबह सूरज निकलने पर जल्दी खत्म हो जाती है। इससे थोड़ा धुंधला दिखता है, पर ज्यादा परेशानी नहीं होती। वहीं, स्मॉग धुएं और प्रदूषण से बनने वाली धुंध है, जिसमें गाड़ियों, फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकला धुआं और गंदगी मिल जाती है। स्मॉग से सांस और आंखों में जलन जैसी समस्याएं होती हैं और यह हवा में लंबे समय तक बना रह सकता है।
Delhi-NCR इस समय कौनसे कोहरे से जूझ रहा है
Delhi-NCR इस समय घने स्मॉग और हल्के कोहरे का सामना कर रहा है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से ऊपर हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह हालत ठंडे मौसम और हवा में नमी के कारण बनी है। हल्का कोहरा तब बनता है जब जमीन के पास पानी की भाप ठंडी होकर छोटे-छोटे बूंदों में बदल जाती है, जिससे विजिबिलिटी यानी देखने की क्षमता 1,000 मीटर से कम हो जाती है। सुबह 8:30 बजे दिल्ली में इतनी कम विजिबिलिटी थी कि कुछ मीटर का रास्ता भी देखना मुश्किल हो गया, जिससे कई उड़ानों को रास्ता बदलना पड़ा। यह कोहरा हवा में मौजूद धूल और रसायनों के साथ मिलकर स्मॉग बनाता है, जो पोलूशन के स्तर को और भी खराब करता है।
शरीर पर इस कोहरा का गंभीर असर
हल्का कोहरा और स्मॉग दोनों ही एयर क्वालिटी को खराब करते हैं। जब कोहरा धुएं और केमिकल के साथ मिल जाता है तो यह स्मॉग बनाता है, जो न केवल विजिबिलिटी को घटाता है बल्कि प्रदूषण को भी बढ़ाता है। दिल्ली की हवा अब 'सेवीयर' श्रेणी में है, जिसका मतलब है कि यह हवा स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो गई है। इसके अलावा, दिल्ली के पास के शहर जैसे गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी हवा की गुणवत्ता 'पुअर' (खराब) है, जबकि फरीदाबाद में यह 'मॉडरेट' (मध्यम) है। इस खराब हवा की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, और अस्थमा और सांस की बीमारियों वाले लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं।
पॉल्यूशन कम करने के लिए क्या किया जा रहा है
Delhi-NCR में स्मॉग की गंभीर स्थिति को देखते हुए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया गया है। इस योजना के तहत सड़कों की सफाई, धूल को कम करना और अन्य कदम उठाए जा रहे हैं ताकि हवा की गुणवत्ता बेहतर हो सके। लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए बाहर निकलते समय मास्क पहनने और जितना हो सके बाहर कम समय बिताने की सलाह दी जा रही है। इस समय की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि स्मॉग को जल्दी से कम किया जाए और हवा में प्रदूषण को कंट्रोल किया जाए ताकि लोगों को सांस लेने में परेशानी न हो।