Lok Sabha Speaker Election: 20 साल से नहीं हारे कोई चुनाव..इस बार भी नहीं टूटा रिकॉर्ड; जानें ओम बिरला का सियासी सफर
Om Birla Lok Sabha Speaker Profile: देश के इतिहास में आज पहली बार आजादी के बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। मोदी 3.0 में बीजेपी ने एक बार फिर से ओम बिरला पर भरोसा जताया है तो उन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने के.सुरेश को स्पीकर के चुनाव में उतारा था। संसद सत्र के तीसरे दिन यानी आज 11 बजे लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए को जीत मिली।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुना गया था। वहीं तीसरी बार एनडीए की जीत के बाद लोकसभा स्पीकर के नाम का सभी को इंतजार था। मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी इस बार स्पीकर का पदभार एनडीए के सहयोगी दल टीडीपी को सौंप सकती है। मगर बीते दिन ओम बिरला के नामांकन के साथ स्थिति साफ हो गई। संसद में बीजेपी के पास बहुमत है। ऐसे में संभावना है कि ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष की शपथ ले सकते हैं।
#WATCH | Delhi: BJP MP Om Birla reaches Parliament.
The nominations for Lok Sabha Speaker and Deputy Speaker will take place today. pic.twitter.com/ukRlI6f1ud
— ANI (@ANI) June 25, 2024
1991 में शुरू हुआ सियासी सफर
ओम बिरला पिछले चार दशकों से सियासत में एक्टिव हैं। वहीं उनका राजनीतिक सफर काफी शानदार रहा है। 2003 के बाद वो कोई भी चुनाव नहीं हारे हैं। राजस्थान के कोटा से ताल्लुक रखने वाले ओम बिरला ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1991 में की थी। इस दौरान उन्हें भारतीय युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था। 1997 में वो युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।
3 बार बने विधायक
ओम बिरला कोटा से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। 2003 में वो पहली बार दक्षिण कोटा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे। इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जीत मिली। 2013 के विधानसभा चुनाव में उसी सीट से जीत हासिल करके उन्होंने हैट्रिक लगा दी।
3 बार से हैं कोटा के सांसद
2014 में मोदी लहर आई। इस दौरान बीजेपी ने ओम बिरला को पहली बार सांसद का टिकट दिया। कोटा शहर से संसदीय चुनाव में उतरे ओम बिरला ने यहां भी जीत का परचम लहराया। 2019 के आम चुनाव में ओम बिरला दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे। इस बार के लोकसभा चुनाव में ओम बिरला तीसरी बार कोटा के सांसद बने।
राष्ट्र सेवा–परम कर्तव्य
जन सेवा–परम ध्येयकोटा–बूंदी परिवार के सांसद के रूप में शपथ ली...#Kota #Bundi pic.twitter.com/bN1i8c5l4m
— Om Birla (@ombirlakota) June 25, 2024
संसद में किए बड़े बदलाव
ओम बिरला का नाम बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार है। 17वीं लोकसभा में उन्हें सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था। इस दौरान उन्होंने संसद की कार्यवाहियों में कई बड़े बदलाव किए। पेपर कलम के भरोसे चलने वाली संसद धीरे-धीरे डिजिटल होने लगी। सभी सांसदों के पास टैबलेट होने से लेकर वित्त मंत्री द्वारा टैबलेट से बजट प्रस्तुत करने जैसे बदलाव ओम बिरला के कार्यकाल में ही हुए।
हिन्दी भाषा पर दिया जोर
संसद में हिन्दी भाषा के शब्दों को बढ़ावा देते हुए ओम बिरला ने 'ऑनरेबल एमपी' की बजाए 'माननीय सदस्यगण' बोलना शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने 'मोशन' को भी 'प्रस्ताव' में बदल दिया। वोटिंग के दौरान सांसदों के बीच 'यस और नो' करने की परंपरा दशकों से चली आ रही थी। मगर ओम बिरला ने इसे 'हां और नहीं' में तब्दील कर दिया।
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