PM मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला: 27 साल से अटके महिला आरक्षण बिल को मंजूरी
Union Cabinet Meeting Highlights Women reservation bill approved: संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। पीएम मोदी की अध्यक्षता में करीब 90 मिनट मीटिंग चली। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया है। महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी गई है। अब यह बिल बुधवार को संसद के पटल पर रखा जाएगा।
आखिरी बार 2010 में उठा था मुद्दा
महिला आरक्षण बिल करीब 27 साल से अटका हुआ था। इससे पहले महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक 1996, 1998 और 1999 में भी पेश किया गया था। आखिरी बार यह मुद्दा 2010 में उठा था। राज्यसभा में बिल पास हो गया था, लेकिन लोकसभा से पारित नहीं हो पाया था।
बीजेपी करेगी मेगा इवेंट, पीएम खुद कर सकते हैं संबोधित
महिला आरक्षण बिल को लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा दांव माना जा रहा है। इसके जरिए बीजेपी आधी आबादी को साधने के लिए बड़ा कार्ड चलना चाहती है। बीजेपी इसे बड़े इवेंट के तौर पर भुना सकती है। सूत्रों का कहना है कि महिला आरक्षण बिल संसद से पास होने के बाद हजारों की तादात में महिलाएं दिल्ली आ सकती हैं। यह इवेंट पीएम मोदी को धन्यवाद देने के लिए होगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि दिल्ली के आसपास के सांसदों को महिलाओं को दिल्ली लाने की जिम्मेदारी दी गई है। बुधवार को या उसके एक दिन बाद दिल्ली या राजस्थान के किसी शहर में एक बड़ी सभा हो सकती है। जिसे खुद पीएम मोदी खुद संबोधित कर सकते हैं।
#WATCH | The meeting of the Union Cabinet is underway in Parliament House Annexe in Delhi pic.twitter.com/73zxxt0xFn
— ANI (@ANI) September 18, 2023
इस समय संसद में महज 14 फीसदी महिला सांसद
इस समय लोकसभा और राज्यसभा में महिला सांसदों की संख्या करीब 14 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभाओं में यह आंकड़ा 10 फीसदी है। 1952 में जब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे, उस वक्त केवल 5 फीसदी महिलाएं सांसद थीं। लेकिन 70 साल बाद भी यह आंकड़ा बढ़कर महज 14 फीसदी हुआ।
इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा की एक राय
महिला आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस की राय एक थी। हाल ही में तेलंगाना में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी ने पारित प्रस्ताव में मांग की थी कि विशेष सत्र में महिला आरक्षण के बिल को पास किया जाए। इस संबंध में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लेटर भी लिखा था।