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Jharkhand Politics: चंपई सोरेन की वे 3 शिकायतें, जिसकी वजह से लेना पड़ा बगावत का फैसला

चंपई सोरेन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब वे सीएम थे तो हूल दिवस के बाद दो दिन के लिए उनके सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया था।
07:21 PM Aug 18, 2024 IST | Amit Kasana
jharkhand politics  चंपई सोरेन की वे 3 शिकायतें  जिसकी वजह से लेना पड़ा बगावत का फैसला
Champai Soren

Champai Soren: विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में बड़ा 'खेला' हो गया है। झारखंड सरकार में मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को बगावत का बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बारे में पोस्ट शेयर किया है, जिसमें सालों बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन से अलग होने संकेत दे दिए हैं। कल तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सबसे खास माने जाने वाले चंपई सोरेन को आखिरकार बगावत का फैसला क्यों लेना पड़ा इसके उन्होंने खुद तीन कारण बताए हैं।

फिलहाल चंपई सोरेन राज्य की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में जल संसाधान विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री हैं। वे सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनका जन्म जिलिंगगौड़ा में हुआ था। पेशे से किसान चंपई 10वीं तक पढ़े हैं।

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बिना बताए पार्टी नेतृत्व ने 2 दिन के लिए स्थगित किए कार्यक्रम

चंपई सोरेन ने अपनी पोस्ट में बगावत का पहला कारण बताते हुए कहा कि जब वे सीएम थे तो हूल दिवस के बाद दो दिन के लिए मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया था। उनका कहना था कि ये सब उन्हें बिना बताए और रजामंदी के किया गया। उन्होंने बताया कि रद्द किए जाने वाला एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था। बताया जा रहा है कि इसके बाद से ही वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से वे नाराज थे।

कई बार अपमानित किया गया 

चंपई ने अपनी पोस्ट में आगे सवाल उठाते हुए कहा कि कई बार उन्हें अपमान का कड़वा घूंट पीना पड़ा। पहले सीएम रहते हुए सार्वनजिक कार्यक्रम रद्द किए जाने और फिर सीएम पद से इस्तीफा मांगे जाने से वे नाराज थे। उधर, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चंपई के अलावा उनके समर्थक लगातार उनसे पार्टी से अलग होने के लिए दबाव बना रहे थे। अटकलें हैं कि उनके साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई अन्य विधायक भी पार्टी छोड़ सकते हैं।

जूनियर करने लगे फैसले, सीनियर हैं बीमार

चंपई ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में साफ बताया है कि उनसे जूनियर पार्टी  के बड़े फैसले लेने लगे हैं। जबकि उन्हें पार्टी की बैठकों का एजेंडा तक नहीं बताया जाता है। उन्होंने लिखा कि एक दिन अचानक बैठक में उनसे सीएम पद से इस्तीफा मांग लिया है। उनका कहना है कि उन्हें पद का कभी लोभ नहीं रहा। इसके अलावा अब जब पार्टी के वरिष्ठ नेता अस्वास्थ्य हैं और सक्रिय राजनीति से दूर हैं तो उनके पास भी सभी विकल्प खुले हैं।

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