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आदिवासी वोटर्स...सहानुभूति लहर... जेल से छूटे हेमंत सोरेन की आगे की रणनीति क्या?

Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में इस साल के आखिर तक विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई है। वे एक बार फिर बीजेपी के लिए चुनौती पेश करेंगे।
03:06 PM Jun 29, 2024 IST | Rakesh Choudhary
आदिवासी वोटर्स   सहानुभूति लहर    जेल से छूटे हेमंत सोरेन की आगे की रणनीति क्या
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

Hemant Soren Will Become CM Again: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। वे जमीन घोटाला मामले में जनवरी से ही जेल में बंद थे। उनके जेल जाने के बाद लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने पार्टी की अगुवाई की। इतना ही नहीं वे इंडिया गठबंधन की मीटिंग में शामिल होती थीं।

हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा अरेस्ट किए जाने के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में जेएमएम 3 और कांग्रेस 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। मतलब संदेश साफ था हेमंत सोरेन को जेल में डालना आदिवासियों को नागवार गुजरा। उन्होंने अपना जनादेश दिया। ऐसे में अब हेमंत एक बार फिर दोगुनी ताकत से सत्ता में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। आदिवासियों का सहानुभूति वोट मिलने का फायदा सोरेन को हुआ। यह एक प्रकार से उनके लिए जनमत संग्रह की तरह था। ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि क्या वे एक बार फिर प्रदेश के सीएम बनेंगे या विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश की बागडोर संभालेंगे।

प्रचार में जुटेंगे हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन आज भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके अलावा वे कल भोगनाडीह भी जाएंगे। यहां वे कई राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। मतलब साफ है विधानसभा चुनाव की चौसर अब बिछनी शुरू हो चुकी है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अब हेमंत सोरेन सीएम की कुर्सी नहीं संभालेंगे बल्कि चुनाव प्रचार में जुटेंगे। क्योंकि प्रदेश में सितंबर के अंत तक चुनाव का ऐलान हो सकता है।

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भाजपा के खिलाफ माहौल बनाएंगे सोरेन

ऐसे में सोरेन की रणनीति है कि वे भाजपा के एजेंसियों के दुरुपयोग को पूरे प्रदेश में मुद्दा बनाएंगे। इसके अलावा वे उसे आदिवासी अस्मिता से भी जोड़ेंगे। विश्लेषकों की मानें तो अब वे आदिवासियों को यह समझाएंगे कि एक आदिवासी का सीएम बनना बीजेपी को नागवार गुजरा इसलिए उन्होंने मुझे झूठे मामले में फंसाकर जेल मेें डाल दिया। ऐसा करके वे आदिवासियों के सिम्पैथी वोट हासिल कर सकते हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजे अगर विधानसभा में रिपीट होते हैं यहां बीजेपी की जीत तय है।

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