विधानसभा चुनावः 81 सीटों के गेम में 9 सीटें बनेंगी गेमचेंजर! झारखंड का 'हरियाणा' न हो जाए...
Jhakhand Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर मुकाबला काफी नजदीकी रहा। जीत का अंतर बहुत ही कम रहा, और बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौट आई। अब नजरें झारखंड पर हैं। हरियाणा में जहां विधानसभा की 90 सीटें हैं। वहीं झारखंड में 81 सीटें हैं। ऐसे में जीत हार वाली कम मार्जिन की सीटें निर्णायक हो जाती हैं। झारखंड में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 41 सीटें चाहिए होंगी... और राज्य में कम से कम 9 सीटें ऐसी हैं जहां की जीत का मार्जिन पिछले चुनाव में 5 हजार से कम है।
ये 9 सीटें बनेंगी गेमचेंजर
ये 9 सीटें हैं देवघर, गोड्डा, कोडरमा, मांडू, बाघमारा, जरमुंडी, सिमडेगा, नाला और जामा... इन 9 सीटों में से पिछली बार बीजेपी ने 5 जीती थीं और जेएमएम-कांग्रेस ने दो-दो सीटों पर जीत की पताका फहराई थी। अगर 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों के असर को देखें तो बीजेपी-आजसू का गठबंधन इन 9 सीटों में से 8 पर आगे है।
इन सीटों पर जीत का औसत 2349 वोट का रहा है। सिमडेगा सीट पर जीत का अंतर पिछली बार 285 रहा, जहां कांग्रेस ने बीजेपी को हराया। बाघमारा में बीजेपी ने कांग्रेस को 824 वोट से हराया। जिन सीटों पर बीजेपी जीत नहीं पाई। उनमें से चार सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर थी। वहीं तीन सीटों पर आरजेडी दूसरे नंबर पर थी। कांग्रेस और आजसू एक-एक सीट पर दूसरे नंबर पर रही हैं।
19 सीटों पर जीत का अंतर 5 हजार से कम
2014 के चुनाव में 19 ऐसी सीटें थीं, जहां जीत का मार्जिन 5000 से कम था। 2019 के चुनाव में इन 19 सीटों में से 14 पर परिणाम बदल गया। 2014 के चुनाव में 19 सीटों पर औसत रूप से जीत का अंतर 2100 वोट था। 2014 में बीजेपी ने इनमें से 7 सीटें जीती थीं, जबकि आजसू ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। जेएमएम, कांग्रेस, मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमिटी, जेवीएम और नवजवान संघर्ष मोर्चा ने 2014 में एक-एक सीट पर जीत हासिल की थी।
2019 में जिन 14 सीटों पर परिणाम बदले थे, उनमें जेएमएम ने पांच और कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। इसका नतीजा ये हुआ था कि कांग्रेस और जेएमएम ने सरकार बनाई थी। वहीं बीजेपी को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली थी। 2019 के चुनाव में एक और ट्रेंड देखने को मिला था कि 2014 में इन सीटों 19 सीटों पर जो उम्मीदवार दूसरे नंबर थे, वे 2019 में विजेता बनकर उभरे। लेकिन तब भी जीत का आंकड़ा काफी कम था।