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छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से पूछा-नियमों में अचानक बदलाव क्यों किया?

Chhattisgarh Constable Recruitment: छत्तीसगढ़ में होने वाली पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती पर सरकार ने रोक लगा दी है। इस भर्ती के लिए पुलिसकर्मियों के बच्चों को फिजिकल में छूट देने का प्रावधान किया गया था। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।
10:35 PM Nov 26, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ पुलिस में होने वाली कॉन्स्टेबल संवर्ग 2023-24 की भर्तियों पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस भर्ती में पुलिसकर्मियों के बच्चों को फिजिकल के दौरान छूट देने का प्रावधान था। जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से 5867 पदों पर आवेदन मांगे गए थे। भर्ती के लिए 16 नवंबर से प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई हुई। न्यायालय ने पूछा कि लाभ सभी को मिलना चाहिए। पुलिसवालों को लाभ देने के नियमों को कैसे बदला जा सकता है? दरअसल भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने और फॉर्म प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक ने सचिव को लेटर लिखा था। जिसमें पुलिसकर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों को छूट देने की बात कही गई थी।

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लेटर में दिया गया था ये सुझाव

लेटर में सुझाव दिया गया था कि भर्ती रूल्स 2007 अनुच्छेद 9(5) के मापदंडों में बदलाव किया जा सकता है। इसमें फिजिकल टेस्ट का जिक्र था। जिसमें सीने की चौड़ाई, हाईट आदि को लेकर 9 पॉइंट्स का जिक्र किया गया था। यही नहीं, अवर सचिव ने इन सुझावों को स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद बेदराम टंडन नाम के शख्स ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिककर्ता मूल रूप से राजनांदगांव के रहने वाले हैं। उनके बेटे ने भी भर्ती के लिए आवेदन किया था।

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कोर्ट ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ अपने विभाग के लोगों को छूट देना आम नागरिकों से भेदभाव है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। बेदराम के वकील की दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार नियमों में बदलाव करने का फैसला सभी पदों को लेकर किया गया था। अब भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग गई है।

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सरकार ने रखा अपना पक्ष

वहीं, सरकार ने दलीलें दी कि 2007 में अलग से नियम बनाया गया है। जिसके तहत पुलिसकर्मियों के परिवारों को भर्ती में छूट दी गई है। न्यायालय ने इस पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि DGP को ही नियमों में बदलाव के अधिकार दिए गए हैं। लेकिन इसका मतलब वे अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं। ऐसे रूल बनाना पद का दुरुपयोग है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एसपी और टीआई के बच्चों को ही भर्ती में प्राथमिकता दी जाए।

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Tags :
Bilaspur High CourtChhattisgarh News
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