Brahma Kumari Shivani Relationship Tips: लिव-इन रिलेशनशिप सही या नहीं? जानें क्या कहती हैं ब्रह्माकुमारी शिवानी
Brahma Kumari Shivani Relationship Tips: आज के समय में लिव-इन में रहना आम बात हो गई है, युवाओं में लिव-इन रिलेशनशिप में रहना आम बात हो गई है। लिव-इन में रहना उसे कहते हैं जब हम प्रेमी जोड़े का शादी किए बिना लंबे समय तक एक साथ एक घर ही घर में रहते हैं। कई कपल इसलिए लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं, ताकि वे ये जान सकें कि शादी कर लंबे समय तक रह सकते हैं या नहीं। वहीं, कुछ लोग लिव-इन में इसलिए रहते हैं क्योंकि उन्हे शादी में भरोसा नहीं या फिर दिलचस्पी नहीं होती है। जिसे कुछ लोग सही मानते हैं तो कुछ लोग गलत मानते हैं। आइए जानते हैं कि इसे लेकर ब्रह्माकुमारी शिवानी क्या कहती हैं...
क्या कहती हैं ब्रह्माकुमारी शिवानी?
ब्रह्माकुमारी शिवानी कहती हैं कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहना लोगों की अपनी मर्जी होती है। बस हमें अपनी मर्यादा और सेफटी से साथ उस रिलेशमशिप रहना चाहिए। साथ ही अपनी भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर आप मेंटली इस चीज के तैयार नहीं है तो ये फैसला आपके लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। वे कहती हैं की आज के समय में हर कोई अकेला रहना चाहता है, लेकिन परिवार हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है। किसी भी रिश्ते मेंटली तैयार रहना पड़ता है। अगर हम किसी चीज के दिमाग से तैयार नहीं हैं, तो हम उस चीज में खुश नहीं रह सकते हैं। ये हमारे इमोशनल हेल्थ के लिए भी सही नहीं होता है।
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लिव-इन के नुकसान
लिव-इन रिलेशनशिप के अपने नुकसान भी हैं। एक बड़ा नुकसान यह है कि इसमें प्रतिबद्धता की कमी होती है। अक्सर, कई सालों तक साथ रहने के बाद, जोड़े अलग हो जाते हैं क्योंकि उनके बीच कोई बॉडी नहीं बन पाता है। यह व्यवस्था दोनों भागीदारों को बिना किसी परिणाम के अलग होने की फ्रीडम देती है। इसके अलावा लिव-इन रिलेशनशिप, विशेष रूप से रूढ़िवादी समाजों और संस्कृतियों में, आलोचना का पात्र बनी रहती है।
लिव-इन के फायदे
शादी से पहले साथ रहने से आप ये देख सकते हैं कि आप अपने साथी के साथ आगे रह सकते हैं या नहीं। आगे चलकर जिम्मेदारियां ले सकते है या फिर आपकी लाइफ तनाव रहने वाला है। साथ ही आप अपना रिश्ता भी सुधार सकते हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने से जोड़ों को परिवार या सामाजिक दबाव के डर के बिना अलग होने का मौका मिलता है, जो उन लोगों के लिए राहत की बात हो सकती है जो अपनी शर्तों पर फैसला लेना चाहते हैं।
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