whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Hyperuricemia Disease: हाइपरयूरिसीमिया बन सकती है आपके लिए प्रॉब्लम, ऐसे करें पहचान

Hyperuricemia Disease: अगर आप भी यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने की समस्या से परेशान है, तो एसे इसकी पहचान कर सकते हैं।
05:53 PM Oct 19, 2024 IST | News24 हिंदी
hyperuricemia disease  हाइपरयूरिसीमिया बन सकती है आपके लिए प्रॉब्लम  ऐसे करें पहचान
Hyperuricemia Disease

Hyperuricemia Disease: आज के समय में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने की समस्या कई लोगों में देखने को मिल रही है। जिसे हाइपरयूरिसीमिया भी कहते हैं, लेकिन कई बार लोगों को इस बिमारी का पता नहीं चलता है। इसके चलते कई बार उन्हें इस बीमारी का पता नहीं चलता है और वह समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं करवा पाते हैं। इसके लिए आपको इसके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए, जिससे समय रहते आप इसका इलाज करवा सकें।

Advertisement

हाइपरयूरिसीमिया की पहचान

कुछ लोगों में यूरिक एसिड का लेवल बढने से जोड़ों में तेज दर्द, कोमलता, लालिमा, या सूजन होती है। जब यूरिक एसिड का हाई लेवल किडनी में पथरी का रूप ले लेता है, तो पीठ के एक या दोनों ओर निचले हिस्से में या पेट में दर्द, मितली, पेशाब करते समय परेशानी होती है।

बता दें कि हाइपरयूरिसीमिया से पीड़ित लगभग 60 प्रतिशत लोगों में ही लक्षण दिखाई नहीं देता। इसका परिणाम यह होता है कि कई लोगों तो को समय पर इलाज करवा लेते हैं, लेकिन कई लोगे इलाज नहीं मिल पाता है। इसलिए, लक्षण रहित हाइपरयूरिसीमिया खकरा बना रहता है। जिससे हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम्स, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती है।

Advertisement

हाइपरयूरिसीमिया के लक्षण

1. 6 सप्ताह से अधिक समय तक जोड़ों में दर्द और सूजन रहती है।

Advertisement

2.लंबे समय तक बुखार रहता है।

3.जोड़ों में दर्द और मुंह के छाले होना।

4.आंख, मुंह और त्वचा का सूखना।

5.सुबह 45 मिनट से अधिक समय तक पीठ या गर्दन में बहुत अधिक दर्द होना।

6.मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द होना।

7.धूप में निकलने पर त्वचा पर दाने

8.जोड़ों में दर्द, रक्त में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ना।

हाइपरयूरिसीमिया के प्रकार

रूमेटाइड अर्थराइटिस: यह हाइपरयूरिसीमिया तब होता है जब डिफेन्स सिस्टम गलती से आपके जोड़ों पर हावी हो जाती है।

सोरियाटिक अर्थराइटिस: हाइपरयूरिसीमिया जो सोरायसिस से पीड़ित लोगों को अधिक प्रभावित करता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह हाइपरयूरिसीमिया आमतौर पर बुढ़ापे में होता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

पेरी आर्थराइटिस: यह हाइपरयूरिसीमिया  16 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को प्रभावित करता है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो