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कहीं सामूहिक आत्महत्या तो कहीं सांप को पालतू जानवर बनाकर करते हैं पूजा... ये हैं देश के 5 अजीबो-गरीब गांव

Mysterious Village In India: देश में आज भी कई ऐसे 'रहस्यमयी' गांव मौजूद हैं, जिनका राज अभी तक इतिहास के पन्नों में गुम है। आज हम आपको भारत के अलग-अलग राज्यों में मौजूद पांच ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी अजीबो-गरीब घटनाएं सुनने के बाद आपको हैरानी जरूर होगी।
12:06 PM Jun 17, 2024 IST | Nidhi Jain
कहीं सामूहिक आत्महत्या तो कहीं सांप को पालतू जानवर बनाकर करते हैं पूजा    ये हैं देश के 5 अजीबो गरीब गांव

Mysterious Village In India: भारत में घूमने के लिए जितनी खूबसूरत और मनमोहक जगह हैं। वहीं दूसरी तरफ कई अजीबो-गरीब और डरावनी जगह की भी कमी नहीं है, जिसकी चर्चा देश ही नहीं विदेश में भी होती है। देश में कुछ ऐसे गांव आज भी मौजूद हैं, जहां घटने वाली विचित्र घटनाओं को सुनने के बाद आपको विश्वास ही नहीं होगा। चलिए विस्तार से जानते हैं देश के पांच ऐसे गांव के बारे में, जो अपनी अजीबो-गरीब चीजों के लिए प्रसिद्ध हैं।

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शेतपाल गांव

महाराष्ट्र में एक शेतपाल नापक गांव है। इस गांव में मौजूद हर एक घर में लोगों के साथ-साथ सांप भी रहते हैं, जिनकी रोजाना पूजा भी की जाती है। इस गांव के लोग सांपों को पालतू जानवर मानकर उन्हें अपने साथ रखते हैं। खास बात ये है कि यहां के लोग न तो सांप से डरते हैं और न ही सांप उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा घर में सांपों के रहने के लिए अलग से एक कोना भी बनाया जाता है।

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वैल्लागवी गांव

तमिलनाडु के जंगलों के बीच वेल्लागवी नामक गांव है। जहां करीब 100 परिवार एक साथ मिलजुलकर रहते हैं। इस गांव की सबसे रोचक बात ये है कि यहां पर जूते-चप्पल पहनने की मनाही है। दरअसल, इस गांव में बहुत ज्यादा मंदिर है। इसलिए यहां के निवासी इस पूरे गांव को एक मंदिर मानते हैं। अगर कोई व्यक्ति यहां पर जूते या चप्पल पहने हुए दिख जाता है, तो उसे सजा दी जाती है।

जतिंगा गांव

असम में मौजूद गुवाहाटी से करीब 330 किलोमीटर दूर जतिंगा गांव स्थित है, जिसे ‘पक्षियों की आत्महत्या’ विलेज के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, हर साल यहां पर सितंबर के महीने में बड़ी संख्या में पक्षी सामूहिक आत्महत्या करने के लिए आते हैं। हालांकि इस गांव में हर साल होने वाली पक्षियों की सामूहिक आत्महत्याओं का अभी तक कोई भी वैज्ञानिक कारण सामने नहीं आया है।

मत्तूर गांव

कर्नाटक में मत्तूर एक ऐसा गांव है, जहां आज भी लोग संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यहां करीब 300 परिवार रहते हैं, जिनके घर के हर बच्चे को बचपन से ही संस्कृत भाषा बोलनी और लिखनी सिखाई जाती है। इसके अलावा स्कूल में अलग से संस्कृत भाषा की क्लास भी लगाई जाती हैं।

कोडिन्ही गांव

केरल में मौजूद मलप्पुरम जिले का कोडिन्ही एक रहस्यमय गांव है। जहां ज्यादातर घर में जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। गांव वालों का मानना है कि इस गांव के ऊपर देवी-देवताओं का विशेष आशीर्वाद है, जिसकी वजह से यहां जुड़वा बच्चे ज्यादा पैदा होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले 50 साल में यहां कम से कम 300 जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ है। हालांकि इस गांव से जुड़वा बच्चों का क्या संबंध है, इसके पीछे अभी तक कोई वैज्ञानिक कारण सामने नहीं आया है।

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