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Periods Problems: पीरियड में हो रही ये समस्याएं तो सावधान, साबित हो सकती हैं खतरनाक

Periods Problems: महिलाओं को पीरियड के दौरान अलग-अलग समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में कई बार गंभीर समस्याएं भी हो जाती हैं, जिसे बिना सर्जरी के ठीक नहीं किया सकता हैं।
10:41 AM Oct 29, 2024 IST | News24 हिंदी
periods problems  पीरियड में हो रही ये समस्याएं तो सावधान  साबित हो सकती हैं खतरनाक
Periods Problems

Periods Problems: पीरियड एक ऐसी अवस्था है जिसमें गर्भाशय, योनि के माध्यम से अपनी परत को बहा देता है और इसके साथ ही ब्लड भी बाहर आता है। इस दौरान कई महिलाओं को हार्मोनल चेंज होने के कारण दर्द और मूड स्विंग्स होते है। लेकिन अगर यही चीजें आपको बहुत ज्यादा या फिर ना के बराबर होने लगे तो यह आपके लिए समस्या पैदा कर सकती है। ऐसे में आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं पीरियड से जुड़ी समस्याएं और उसका समाधान।

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एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आमतौर पर गर्भाशय की परत जो अंदर बनती है वह बाहर बनने लगती है। इसमें डिसमेनोरिया और पीरियड्स  के दौरान अधिक ब्लड निकलने लगता है। साथ ही इस समय बहुत अधिक दर्द भी होता है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह लेकर दर्द को दूर करने के लिए दवा ले सकती हैं। कई तरह की दवाइयां एंडोमेट्रियल को कम करने में आपकी मदद कर सकती है। गंभीर मामलों में, आपका डॉक्टर  एंडोमेट्रियल हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)

पीसीओएस एक आम हार्मोनल समस्या होती है, जिसमें केवल हिर्सुटिज़्म, मुंहासे या वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती है। यह समस्या हार्मोनल अनबैलेंस होने के कारण होती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित 2016 की एक स्टडी के अनुसार, पीसीओएस से पीड़ित लगभग 75 से 85 प्रतिशत महिलाओं में पीरियड से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इसके लिए आप हर रोज बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज से अपना वजन कम कर सकती हैं। साथ ही अपने डॉक्टर की सलाह लेकर पीरियड्स को रेगुलर करने के साथ साथ अन्य समस्याओं से भी छुटकारा पा सकती हैं।

गर्भाशय फाइब्रॉएड

गर्भाशय फाइब्रॉएड एक गंभीर बीमारी को जन्म दे सकती है, जो लंबे समय तक होने वाले पीरियड्स का कारण बन सकती है। फ्रंटियर्स जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, गर्भाशय फाइब्रॉएड वाली महिलाओं को पीरियड्स के बीच ब्लड निकलना, ब्लड के थक्के, पेल्विक दर्द और अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। अगर यह लक्षण कम हैं तो इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर यह मामला गंभीर है तो  मायोमेक्टोमी या हिस्टेरेक्टोमी को हटाना पड़ सकता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के दौरान महिला के प्रजनन अंगों में इंफेक्शन हो जाता है, पेट के निचले हिस्से में दर्द, असामान्य योनि स्राव, बुखार और सेक्स के दौरान दर्द का कारण बन सकता है। इसका निदान मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कई महिलाओं में कोई भी स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए इसे पहचानना मुश्किल होता है। इसके लिए डॉक्टर टेस्ट की सलाह देते हैं, ताकि समय रहते इसका इलाज हो सके। साथ ही पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के इलाज के लिए एंटीबायोटिक जरूरी हैं। वहीं, गंभीर मामलों में सर्जरी कर इंफेक्शन को हटाने की जरूरत भी पड़ सकती है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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