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'अचार, माता का प्रसाद और गुलकंद...' कोड के तौर पर CBI अधिकारियों ने ली रिश्वत, ऐसे हुआ भंडाफोड़

Madhya Pradesh Nursing College Scam: मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाले में सीबीआई अधिकारियों की संलिप्तता का मामला सामने आया है। जांच एजेंसी ने 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई के आरोपों पर आरोपियों की लीगल टीम ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
01:24 PM Sep 09, 2024 IST | Nandlal Sharma
 अचार  माता का प्रसाद और गुलकंद     कोड के तौर पर cbi अधिकारियों ने ली रिश्वत  ऐसे हुआ भंडाफोड़
नर्सिंग कॉलेजों के प्रबंधकों और मालिकों से रिश्वत लेने के लिए अधिकारी अचार, माता का प्रसाद और गुलकंद जैसे शब्दों का प्रयोग करते थे।

Madhya Pradesh Nursing College Scam: मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले की सीबीआई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। मामले में जांच एजेंसी के अफसरों ने घूस लेने के लिए जिन कोड्स का इस्तेमाल किया है, वे बड़े दिलचस्प हैं। नर्सिंग कॉलेजों के प्रबंधकों और मालिकों से रिश्वत लेने के लिए अधिकारी अचार, माता का प्रसाद और गुलकंद जैसे शब्दों का प्रयोग करते थे, ताकि मामला पकड़ में ना आए। सीबीआई की ओर से पेश चार्जशीट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में एजेंसी की जांच में पास होने के लिए नर्सिंग कॉलेजों ने सीबीआई अधिकारियों को रिश्वत दी है। सीबीआई इस मामले में अपने ही अधिकारियों की जांच कर रही है।

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अचार, माता का प्रसाद और गुलकंद

दरअसल साल 2022 में एडवोकेट विशाल बघेल ने एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राज्य में 2020-21 के दौरान दर्जनों नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए गए हैं, जिनके पास आधारभूत ढांचा तक नहीं है। इसी मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को मिला, जिसमें अधिकारियों ने रिश्वत लेने के लिए अचार, माता का प्रसाद और गुलकंद जैसे कोड्स का प्रयोग किया।

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फरवरी 2024 में सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी, लेकिन इसी साल 18 मई को सीबीआई ने 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दाखिल की है। इनमें चार सीबीआई के अधिकारी हैं, जबकि अन्य लोग चार जिलों में स्थित नर्सिंग कॉलेजों से जुड़े हैं। एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी अधिकारियों ने रिश्वत के बदले 'सूटेबिलिटी रिपोर्ट्स' को उन कॉलेजों के साथ साझा किया, जो मानकों पर खरे नहीं उतरे थे। 15 जुलाई को सीबीआई ने इंस्पेक्टर राहुल राज और एजेंसी के साथ काम कर रहे मध्य प्रदेश पुलिस के अफसर सुशील कुमार मजोका सहित 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की।

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सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट में अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं, साथ ही प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है। राज और मजोका के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए मंजूरी का इंतजार है। इन दोनों अधिकारियों पर 27 नर्सिंग कॉलेजों की समीक्षा का जिम्मा था।

रिश्वत, जांच रिपोर्ट और शहरों के नाम के लिए कोड

चार्जशीट के मुताबिक राज और मजोका ने रिश्वत, जांच रिपोर्ट और शहरों के नाम के लिए कोड बना रखे थे। ताकि मामला पकड़ में ना आए। मामले की जांच के लिए सीबीआई ने 658 फोन कॉल्स को ट्रैक किया है। इन कॉल्स में आरोपियों की आवाजें हैं। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि 7 मई को एक और आरोपी राधा रमण शर्मा रतलाम से जयपुर गया था, उसके पास पैसों से भरा एक बड़ा बैग था। और इसके लिए अचार कोड का प्रयोग किया गया।

गुलकंद आया क्या?

राधा, एक और आरोपी, जुगल किशोर शर्मा का भाई है। सीबीआई के मुताबिक जुगल किशोर ने अपने रिश्तेदारों को बताया था कि राधा अचार का भारी डिब्बा लेकर जा रहा है। जुगल ने रिश्तेदारों को पैसा अपने पास रखने के लिए कहा था। जुगलकिशोर ने अपने रिश्तेदारों से कहा था कि अगर उनके पास फोन आए और पूछा जाए कि गुलकंद आया क्या? तो उन्हें पैसा दूसरे व्यक्ति को दे देना है।

इसी तरह 10 मई को एक अन्य सीबीआई इंस्पेक्टर की पत्नी और इंदौर स्थित एक कंपनी के सीईओ के बीच छह कोडेड मैसेज में बात हुई। अफसर की पत्नी ने सीईओ से पूछा था कि 'सर खोड़ियार माता का प्रसाद मिल गया क्या?' सीबीआई के मुताबिक इसमें माता का प्रसाद रिश्वत के लिए कोड था। अफसर की पत्नी ने सीईओ से रिश्वत के पैसे को गोल्ड बार में बदलने की बात की थी। जांच एजेंसी के मुताबिक उक्त बिजनेसमैन ने रिश्वत के पैसे को 100 ग्राम के चार गोल्ड बार में तब्दील कर दिया।

'9 डिब्बा अचार'

जांच एजेंसी के मुताबिक 12 मई को 6 नर्सिंग कॉलेजों का मालिकाना रखने वाले एक अन्य आरोपी ने अपने कर्मचारी को 9 लाख रुपया देकर उज्जैन भेजा। इस कर्मचारी ने राधा से संपर्क किया और उसे पैसा दे दिया। इसके बाद राधा ने जुगल किशोर को फोन कर कहा कि उसे 9 डिब्बा अचार मिल गया है। सीबीआई के मुताबिक ये पैसा जयपुर भेजा गया, जिसे धर्मपाल ने रिसीव किया। धर्मपाल इस मामले में आरोपी है और पूर्व सीबीआई इंस्पेक्टर राज का सहयोगी है।

ऐसे हुआ मामले का भंडाफोड़

18 मई को सीबीआई की टीम ने भोपाल के प्रोफेसर्स कॉलोनी के एक अपार्टमेंट में डेरा डाला था। टीम को जानकारी मिली थी कि इंस्पेक्टर राज को 10 लाख रुपयों की डिलीवरी होने वाली थी। शाम के 4.10 बजे सीबीआई की टीम ने राज के घर का दरवाजा खटखटाया। हालांकि राज ने तुरंत दरवाजा नहीं खोला। राज ने जब दरवाजा खोला तो देखा कि एक नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन और उनकी पत्नी घर में अंदर बैठे हैं।

चार्जशीट के मुताबिक चेयरमैन और उसकी पत्नी ने बताया कि उन्होंने राज को रिश्वत का पैसा दिया। जिसे उन्होंने रख लिया और जैसे ही अफसरों ने दरवाजा खटखटाया, राज ने कॉलेज के चेयरमैन से पैसा तुरंत बैग में रखने के लिए कहा। सीबीआई के आरोपों पर राज और अन्य आरोपियों की लीगल टीम ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

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