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Akshay Kanti Bum कौन? जिन्होंने आखिरी पलों में दिया कांग्रेस को धोखा, क्या सूरत के बाद इंदौर में होगा खेला?

Indore vs Surat Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के उम्मीदवार अक्षय बम ने आखिरी समय पर नामांकन वापस ले लिया है और उन्होंने भाजपा का हाथ थाम लिया है। ऐसे में क्या सूरत वाला खेला इंदौर में भी दोहराया जा सकता है? जानिए क्या है इंदौर का सियासी समीकरण?
01:40 PM Apr 29, 2024 IST | Sakshi Pandey
akshay kanti bum कौन  जिन्होंने आखिरी पलों में दिया कांग्रेस को धोखा  क्या सूरत के बाद इंदौर में होगा खेला

Akshay Kanti Bum Indore Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को मध्य प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। एमपी के इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है और अब वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। एमपी से भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस बात का खुलासा किया है।

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भाजपा में आपका स्वागत है- कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर में मतदान होने से पहले आज नामांकन वापस लेने की आखिरी तिथि थी। ऐसे में आखिरी मौके पर अक्षय ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इससे पहले की कोई कुछ समझ पाता भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट शेयर करते हुए लिखा बीजेपी इंदौर से कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम का पार्टी में स्वागत करती है।

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कौन हैं अक्षय कांति बम?

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इंदौर के रहने वाले अक्षय कांति बम पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। अक्षय कांति बम ने इंदौर से ही लॉ और एमबीए की पढ़ाई की है। इसके अलावा उनके शहर में तीन शिक्षण संस्थान हैं, जिससे उन्हें काफी मुनाफा होता है। इससे पहले अक्षय बम ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट लेना चाहा था लेकिन कांग्रेस ने राजा मधवानी को प्रत्याशी घोषित कर दिया था, जिसकी वजह से अक्षय बम के समर्थकों ने कांग्रेस के खिलाफ तगड़ा विरोध प्रदर्शन किया था।

4 अप्रैल को हुआ था नामांकन

कैलाश विजयवर्गीय का ट्वीट देखने के बाद हर कोई हैरान रह गया। बता दें कि 4 अप्रैल को इंदौर से नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि थी और आज नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि। ऐसे में कांग्रेस पार्टी से टिकट लेने के बाद अक्षय बम ने अपना पर्चा भरा था। मगर 29 अप्रैल यानी आज उन्होंने अपना पर्चा वापस ले लिया और अब वो कांग्रेस के टिकट से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे में सवाल ये है कि क्या सूरत वाली स्थिति गुजरात में भी दोहराई जाएगी?

सूरत में निर्विरोध जीती थी भाजपा

दरअसल गुजरात के सूरत में कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला, जब कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी ने अचानक से अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं बसपा प्रत्याशी ने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। ऐसे में भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल को सूरत में निर्विरोध जीत मिली और चुनाव के परिणाम आने से पहले ही एक सीट बीजेपी के खाते में चली गई।

इंदौर का चुनावी समीकरण

गौरतलब है कि इंदौर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होंगे। एमपी की इस सीट को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है। 1989 से 2014 तक भाजपा नेता सुमित्रा महाजन इंदौर की सासंद रही हैं। 2019 के आम चुनाव में भी इंदौर सीट बीजेपी के पास थी। इस बार भाजपा ने इंदौर से शंकर लखवानी को दोबारा टिकट दिया है। अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस रेस से बाहर हो गई है। हालांकि बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ने संजय सोलंकी को इंदौर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। ऐसे में अगर संजय सोलंकी भी चुनाव लड़ने से इंकार करते हैं तो इंदौर में भाजपा निर्विरोध जीत जाएगी। मगर ऐसा ना होने की स्थिति में भाजपा की टक्कर बसपा प्रत्याशी से होगी।

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