भोपाल: 40 साल बाद 250 किलोमीटर दूर नष्ट किया जाएगा यूनियन कार्बाइड का कचरा, कांग्रेस ने क्यों किया विरोध?
MP Disposal Of Toxic Waste Of Bhopal Union Carbide: दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी और भोपाल को कभी ना भूलने वाला जख्म देने वाली यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा हाईकोर्ट के आदेश के बाद 40 साल बाद हटाने का प्रोसेस शुरु हो गया है, करीब 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में ले जाकर नष्ट किया जाएगा।
गैस राहत विभाग के डायरेक्टर स्वतंत्र सिंह ने बताया कि फैक्ट्री में करीब 337 मीट्रिक टन कचरा मौजूद है, जिसमें सीवन नाम का कीटनाशक शामिल है, जिसका उत्पादन भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में होता था। इस हादसे के बाद बचा हुआ कीटनाशक जो बहुत जहरीला है, उसे यहां से हटाया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य तरह के केमिकल जो यहां इस्तेमाल होते थे, वो सब भी यहां से हटाकर पीथमपुर में नष्ट किए जाएंगे।
स्वतंत्र सिह ने बताया कि यूनियन कार्बाइड से जहरीले कचरे को हटाने के लिए 1-2 दिन में रात के समय कचरा पीथमपुर ले जाया जाएगा, क्योंकि हाईकोर्ट में 3 जनवरी को रिपोर्ट पेश करनी है। इसके लिए जीपीएस लगे 12 कंटेनर ट्रक फैक्ट्री में बुलवा लिए गए हैं, जिनमें सावधानीपूर्वक कचरा लोड किया जा रहा है।
भोपाल से पीथमपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सभी 12 ट्रकों को एक साथ रवाना किया जाएगा। काफिले के साथ पुलिस की गाड़ियां और एम्बुलेंस रहेगी, जिससे आपात स्थिति में काफिले के साथ मौजूद स्टाफ को जरूरत पड़ने पर जल्दी मेडिकल सहायता उपलब्ध हो सकेगी। सभी केमिकल को विशेष तरह के बैग में भरा जा रहा है जिसमें लीकेज नहीं होता है।
कर्मचारियों को मिलेगी पूरी सुविधा
कचरा हटाने के लिए जो मजदूर लगाए गए हैं, उन सब का हेल्थ चेकअप किया गया है। एक मजदूर को सिर्फ 30 मिनट काम करना होगा, जिसके बाद दोबारा काम शुरू करने से पहले उसे आराम करने का समय दिया जाएगा। एक ट्रक में 30 टन कचरा डाला जाएगा। हर मजदूर को सुरक्षा किट और मास्क के साथ ही फैक्ट्री में प्रवेश दिया जा रहा है।
कई संगठन कर रहे विरोध
पीथमपुर में कचरा जलाने की प्रक्रिया का कई संगठन विरोध कर रहे हैं तो मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध किया है। सीएम को पत्र भी लिखा और उनका कहना है कि कचरे का निष्पादन किया जाए, लेकिन इसका रास्ता दूसरा निकलना चाहिए। इससे पानी का रिसाव कैंसर कर सकता है। ये पानी सरदार यशवंत सागर में मिलता है और पानी पूरे इंदौर में पीने के लिए इस्तेमाल होता है।
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