whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

MP By Election Result 2024: बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस का 'उलटफेर', विजयपुर में 'जीता' हुआ चुनाव क्यों हारी भाजपा?

MP By Election Result 2024: चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार बुधनी सीट पर पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत में कमी आई है।
04:07 PM Nov 23, 2024 IST | Amit Kasana
mp by election result 2024  बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस का  उलटफेर   विजयपुर में  जीता  हुआ चुनाव क्यों हारी भाजपा
mp by election result 2024

कुमार इंदर, मध्यप्रदेश

Advertisement

MP By Election Result 2024: मध्यप्रदेश में बीजेपी को करारा झटका लगा है, यहां शनिवार को आए बुधनी और विजयपुर विधनसभा उपचुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया। दोनों सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चत मान रही बीजेपी को विजयपुर सीट पर शिकस्त झेलनी पड़ी। यहां कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा जीते हैं, वहीं, बुधनी से बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव जीते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो विजयपुर सीट पर कांग्रेस का आदिवासी कार्ड काम कर गया। वहीं, बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी के कारण इस सीट पर बड़े नेता प्रचार तक करने नहीं गए।

मध्य प्रदेश उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। बता दें कि बुधनी सीट शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थी। वहीं, विजयपुर सीट पर कांग्रेस से विधानसभा चुनाव जीते रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव की स्थिति बनी थी।

Advertisement

बुधनी सीट पर ऐसे जीती बीजेपी?

बुधनी विधानसभा सीट पर भाजपा के कब्जा बरकरार है। दरअसल बुधनी सीट जीतने की सबसे मुख्य वजह शिवराज सिंह चौहान है, बुधनी विधानसभा शिवराज सिंह चौहान की सीट रही है ऐसे में पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि यह सीट बीजेपी की ही कब्जे में जाएगी और हुआ भी वैसा ही। हालांकि इस सीट पर जीत को लेकर कॉन्फिडेंट होने के बाद भी बीजेपी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, जहां पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव के दौरान बुधनी में डेरा डाले रखा तो वहीं पर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भी रोड शो कर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे।

Advertisement

बुधनी में जीत का अंतर कम क्यों?

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार बुधनी सीट पर पिछले चुनाव के मुकाबले वोट प्रतिशत में इस बार कमी आई थी। उपचुनाव में 77.32 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो 2023 विधानसभा चुनाव में लगभग 84.86 प्रतिशत थी। हालांकि, चुनाव के दौरान दोनों की प्रमुख पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने यहां चुनाव प्रचार किया था। शिवराज और उनके बेटे कार्तिकेय भी सक्रिय भूमिका में थे उसके बावजूद जीत का अंतर कम हो गया जिससे जाहिर होता है कि शिवराज सिंह चौहान के प्रति जनता का प्रेम 2023 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कम हुआ है। उधर, कांग्रेस से जीतू पटवारी सहित अन्य नेताओं ने भी कमान संभाल रखी थी।

विजयपुर में नहीं मिल पाई विजय

लोकसभा चुनाव में पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हुए वन मंत्री रामनिवास रावत को बड़ा झटका लगा है। विजयपुर में रामनिवास रावत की कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा से करारी हार हुई है। शुरुआती रुझान में पीछे होने के बाद रामनिवास रावत ने बाद में बढ़त जरूर बनाई लेकिन ये बढ़त ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रह पाई और आखिर में रामनिवास रावत को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा ने उन्हें करीब 6 हजार से अधिक वोटों से हराया है।

ये भी पढ़ें : MP में वन मंत्री रामनिवास रावत चुनाव हारे, BJP में खलबली, कांग्रेस ने बंटवाई जलेबी

काम नहीं आई दबंगई और रणनीति

6 बार विधायक रहे हैं रामनिवास रावत की गिनती मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है, वो 6 बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस से उनकी नाराजगी सामने आई थी। मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से सत्यपाल सिंह सिकरवार को मिलने की वजह से वो नाराज थे और यही वजह है कि कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। रामनिवास 8 बार विधानसभा और 2 बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन इस बार जनता को उनकी दबंगई पसंद नहीं आई, जबकि कहा जाता है कि रामनिवास रावत ने अपने पसंदीदा अफसरों की तैनाती करवाई, रावत ने जीत के लिए कई हतकंडे भी बावजूद वो कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा से चुनाव हर गए।

कांग्रेस माहौल बनाने में रही सफल

विजयपुर उपचुनाव में मिली कांग्रेस की जीत को लेकर ही कहा जा सकता है कि कांग्रेस अपना माहौल बनाने में कामयाब रही, कांग्रेस ने उपचुनाव के पहले विजयपुर में नए अफसर के ट्रांसफर का मुद्दा जोर-जोर से उठाया और कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में सफल रही। दूसरा मुद्दा मतदान वाले दिन क्षेत्र में हुई दबंगई की घटनाओं को भी कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया और उसे भी भुनाने में कांग्रेस सफल रही। बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत ने मंत्री बनने के बाद सौगातों का पिटारा खोला लेकिन जनता को यह भी रास नहीं आया। बीजेपी ने मंत्री दर्जा देकर सीताराम आदिवासी की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा की यह रणनीति भी काम नहीं आई।

विजयपुर में हार के 5 कारण

1 यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही, बीजेपी से उम्मीदवार रावत पर खुद कांग्रेसी होने की छाप रही है।

2 कांग्रेस का आदिवासी कार्ड काम कर गया, कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को सीट देकर आदिवासी वोट पर एक तरह से कब्जा जमा लिया।

3 केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पूरे उप चुनाव के दौरान दूरी बनाए रखना भी कहीं न कहीं हार का एक कारण बना यही वजह रही कि उनके समर्थक भी इस सीट पर प्रचार के लिए नहीं गए।

4 बीजेपी के अंदरखाने में ही गुटबाजी की चर्चा रही, जिनको सीट की उम्मीद थी उन्होंने रावत के लिए काम नहीं किया।

5 वोटिंग के दो दिन पहले हुईं हिंसा में रावत समाज का नाम आने से आदिवासी समाज में मैसेज गया और उसका नुकसान भी बीजेपी को उठाना पड़ा।

ये भी पढ़ें : CM मोहन यादव का अधिकारियों को बड़ा निर्देश, बोले- प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान में शामिल करें युवा शक्ति

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो