'लंग्स ऑफ इनक्रेडिबल इंडिया बनना है मध्य प्रदेश का विजन', कार्यक्रम में बोले CM मोहन यादव
CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के औद्योगिक विकास के लिए लगातार काम मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही वह प्रदेश में रीन्यूएबल एनर्जी को लेकर भी विकास के रास्ते तलाश रहे हैं। अपने इस लक्ष्य में सीएम मोहन यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन ले रहे हैं। इसी के तहत वह बीते दिन गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रीन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर मीट में शामिल हुए हैं। मीट के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर गहरा विचार-विमर्श किया है। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी का पंचामृत संकल्प विश्व को नई दिशा देगा।
पीएम मोदी का 'पंचामृत' का संकल्प
सीएम मोहन यादव ने कहा कि पीएम मोदी की तरफ से लिए गए 'पंचामृत' का संकल्प के जरिए साल 2070 तक नेट जीरो ऐमिशन का लक्ष्य हासिल करना है। इसके लिए साल 2030 तक नॉन-कन्वेंशनल एनर्जी की क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाना होगा। इसके साथ ही साल 2030 तक ग्रॉस एनर्जी प्रोडक्शन में रीन्यूएबल एनर्जी के हिस्से को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाना होगा। इसके अलावा ऐमिशन्स की तीव्रता को 45 प्रतिशत घटाना होगा और कार्बन उत्सर्जन में 2030 तक 1 बिलियन टन की कमी लानी होगी। पीएम मोदी ने इस संकल्प के जरिए पूरे विश्व को नई दिशा दी है।
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'लंग्स ऑफ इनक्रेडिबल इंडिया'
इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश 'हार्ट ऑफ इनक्रेडिबल इंडिया' है। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश एक तिहाई वन क्षेत्र के साथ और रीन्यूएबल एनर्जी में लीडिंग वॉर्क करते हुए 'लंग्स ऑफ इनक्रेडिबल इंडिया' बनने का विजन रखा है। मध्य प्रदेश आने वाले सालों में 20 हज़ार मेगावाट से ज्यादा रीन्यूएबल एनर्जी का प्रोडक्शन करेंगा और 2030 तक 50 प्रतिशत पॉवर रीन्यूएबल सॉर्स से लाएगा। मध्य प्रदेश सरकार ने मिशन मोड के तहत 2025 तक सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य रखा है।