कौन हैं दीपक सक्सेना? जिन्होंने कमलनाथ से 45 साल पुराना रिश्ता तोड़ा, भाजपा में हुए शामिल
Who Is Deepak Saxena (विपिन श्रीवास्तव) : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। दीपक सक्सेना शुक्रवार देर रात अपने समर्थकों के साथ भोपाल स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंचे, जहां सीएम डॉ. मोहन यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
आपको बता दें कि इससे पहले दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना ने 22 मार्च को बीजेपी का दामन थामा था। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि दीपक सक्सेना भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, 2 अप्रैल को कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में दीपक सक्सेना के घर जाकर बातचीत की थी और उन्हें मनाने की कोशिश की। इसके बाद भी दीपक सक्सेना ने कमलनाथ से 45 साल पुराना रिश्ता तोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली।
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कौन हैं दीपक सक्सेना
कमलनाथ के छिंदवाड़ा आने से पहले दीपक सक्सेना राजनीति में आ चुके थे। 1970 में पहली बार दीपक सक्सेना रोहना ग्राम पंचायत के सरपंच बने थे। इसके बाद 1975 से 1980 तक दीपक सक्सेना रोहना के सरपंच रहे। इसी बीच 1979 में छिंदवाड़ा आए कमलनाथ से दीपक सक्सेना की मुलाकात हुई। यहां से सरपंच दीपक सक्सेना राजनीति में छिंदवाड़ा के दूसरे सबसे बड़े सितारे बनकर उभरने लगे। कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को 1984 में जिले में कांग्रेस का सबसे बड़ा नाम लाला सुंदरलाल जायसवाल को हटाकर जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनाया था, जहां वे लगातार 20 साल तक अध्यक्ष बने रहे।
चार बार चुने गए विधायक
कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को 1990 से 2018 तक छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से टिकट दिया। सात बार चुनाव लड़े दीपक सक्सेना चार बार 1993, 1998, 2008 और 2018 में छिंदवाड़ा से विधायक चुने गए। हालांकि, 2018 में दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी, लेकिन अपने चार बार के विधायकी के कार्यकाल में दीपक सक्सेना मंत्री भी बनाए गए। इतना ही नहीं अपेक्स बैंक के डायरेक्टर के रूप में दीपक सक्सेना ने आठ देशों की यात्रा भी की।
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प्रोटेम स्पीकर भी रह चुके हैं दीपक सक्सेना
2018 में मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए विधायकी छोड़ने से पहले दीपक सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया था। हाल ही में कमलनाथ के करीबी और छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके और इससे पहले 25 मार्च को छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह ने भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी।