होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

इंदौर बल्ला कांड में आकाश विजयवर्गीय दोषी या बरी? अदालत का आया बड़ा फैसला

Indore Balla Kand : इंदौर बल्ला केस में अदालत ने बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को बरी कर दिया। उनके साथ ही अन्य आरोपी भी बच गए। आकाश विजयवर्गीय पर क्रिकेट के बल्ले से अफसरों पर हमला करने का आरोप लगा था।
05:58 PM Sep 09, 2024 IST | Deepak Pandey
Indore Balla Case (File Photo)
Advertisement

MP Indore Balla Case : मध्य प्रदेश के इंदौर बल्ला कांड मामले में भाजपा के पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय दोषी पाए गए या बरी हो गए, इसे लेकर विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने आकाश विजयवर्गीय समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

Advertisement

जानें क्या है बल्ला कांड?

मध्य प्रदेश के इंदौर में बल्ला कांड 26 जून 2019 को हुआ था। जब इंदौर नगर निगम की टीम शहर के गंजी कंपाउंड इलाके में एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए कार्रवाई कर रही थी, तभी पूर्व विधायक और बीजेपी नेता आकाश विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और कार्रवाई रोकने को कहा। इस पर भी निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस ने कार्रवाई नहीं रोकी तो आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से उन पर हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी हुई और उन पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया।

यह भी पढे़ं : ‘अचार, माता का प्रसाद और गुलकंद…’ कोड के तौर पर CBI अधिकारियों ने ली रिश्वत, ऐसे हुआ भंडाफोड़

Advertisement

जानें अदालत ने क्या सुनाया फैसला?

इस मामले में नगर निगम अधिकारी और फरियादी धीरेंद्र बायस कोर्ट के सामने अपने बयान से पलट गए थे। धीरेंद्र ने अपने बयान में कहा कि आकाश विजयवर्गीय ने उन पर हमला नहीं किया था। साक्ष्यों के अभाव और फरियादी के बयान बदलने के कारण न्यायाधीश देव कुमार ने आकाश विजयवर्गीय को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि मामले में पेश किए गए साक्ष्य पर्याप्त नहीं थे और फरियादी द्वारा दिए गए यूटर्न बयान के बाद कोई ठोस आधार नहीं बचा, जिससे आरोप साबित हो सकें।

यह भी पढे़ं : धर्मनगरी उज्जैन में सरेबाजार रेप, दरिंदे ने शराब पिलाकर भिक्षुक महिला से बनाए संबंध, कांग्रेस ने साधा निशाना

कोर्ट में 5 सालों से लंबित था केस

इस मामले में पुलिस ने आकाश विजयवर्गीय समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया था, जो घटनास्थल पर मौजूद थे। अदालत में यह मामला पिछले 5 सालों से लंबित था। विशेष न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। आकाश विजयवर्गीय बीजेपी के दिग्गज नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। इस घटना ने देशभर में काफी सुर्खियां बटोरी थीं।

Open in App
Advertisement
Tags :
Madhya Pradesh Newsmp latest news
Advertisement
Advertisement