होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

MP: खुदाई के दौरान मिली प्रचीन भगवान नरसिंह मूर्ति, 9वी-12वी शताब्दी पुराना हो सकता है इतिहास

Lord Narasimha Ancient Statue Found Indravati River: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले की इंद्रावती नदी में रेत की खुदाई के दौरान करीब 5 फीट की भगवान नरसिंह की एक प्राचीन प्रतिमा मिली है। इस प्रतिमा का इतिहास 9वी-12वी शताब्दी पुराना हो सकता है।
05:43 PM May 22, 2024 IST | Pooja Mishra
Advertisement

Lord Narasimha Ancient Statue Found Indravati River: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले की इंद्रावती नदी में रेत की खुदाई के दौरान करीब 5 फीट की एक प्राचीन प्रतिमा मिली है। खुदाई में मिली इस प्राचीन प्रतिमा का चेहरा भगवान नरसिंह की तरह दिखाई दे रहा है। नदी में रेत में मूर्ति मिलने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ प्रतिमा को देखने नदी पर पहुंच गई। यह घटना जिले के सिवनी मालवा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पीपलबेर की है।

Advertisement

9वीं और 12वीं शताब्दी के बीच की हो सकती प्रतिमा

दरअसल सिवनी मालवा तहसील के ग्राम पीपरबेर में नदी के रेत में खुदाई की जा रही थी। इसी के दौरान नदी की रेत से यह प्राचीन प्रतिमा निकली है। इतिहासकार के माने तो यह प्रतिमा 9वीं और 12वीं शताब्दी के बीच की हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस मूर्ति को देखकर लगता है कि यह परमारकालीन हो सकती है। इसके अलावा प्रतिमा को बनाने में जिस पत्थर का इस्तेमाल हुआ वह भी इस क्षेत्र का नहीं है। इतिहासकार ने बताया कि काफी हद तक मुमकिन है कि दूसरे गांव से इस प्रतिमा को लाकर यहां विसर्जित किया गया हो।

यह भी पढ़ें: MP Boy Success Story: 21 साल के आर्यन ने Shark Tank में जीता विदेशी इन्वेस्टर्स का दिल

Advertisement

पहले भी मिल चुकी हैं कई प्रतिमाएं मिल

इतिहासकार ने गहन जांच की मांग करते हुए कहा कि इस नदी में से पहले भी कई प्रतिमाएं मिल चुकी हैं। उन सभी मूर्तियों को क्षेत्र के मंदिरों में स्थापित कर दिया गया है। इस क्षेत्र में खुदाई के दौरान जिस तरह से बार-बार प्राचीन प्रतिमाएं मिल रही हैं, उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कोई पुराना मंदिर हो सकता है। इस क्षेत्र में इतिहासकारों द्वारा डीप आर्कियोलॉजी रिसर्च करने की जरूरत है। इसके बाद पता चल पाएगा कि इस क्षेत्र में और कितनी प्रतिमाएं जमीन में दबी हुई हैं।

Open in App
Advertisement
Tags :
Madhya Pradesh
Advertisement
Advertisement