कालाबाजारी करने वालों को सीएम मोहन यादव की चेतावनी, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
MP Government Warning Black Marketeers: किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बैठक ली. इस बैठक में सीएम ने खाद-बीज की कालाबाजारी करने वालों को चेतावनी दी। वहीं, मध्य प्रदेश में खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण को लेकर सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इस बैठक में कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना, मुख्य सचिव वीरा राणा, ACS मोहम्मद सुलेमान, सीएम के OSD राजेश राजौरा, ACS अशोक वर्णवाल समेत कृषि विभाग के आला अफसर मौजूद रहे।
एमपी में अब कालाबाजारी नहीं होगी बर्दाश्त
सीएम मोहन यादव ने कहा कि खाद-बीज की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं होगी, जो कालाबाजारी करते पाया जाए उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि रबी सीजन में किसानों को खाद-बीज की कमी नहीं रहे। इसके लिए अभी से ही खाद-बीज के भण्डारण और आपूर्ति करने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर कृषि विकास अधिकारियों को 15 अक्टूबर तक प्रशिक्षण दिया जाए। प्रदेश में फसलों के बोने के क्षेत्र चिन्हित कर आवश्यकता के अनुसार खाद-बीज की व्यवस्था करें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवास कार्यालय, समत्व भवन से वीसी के माध्यम से #मध्यप्रदेश में सोयाबीन उपार्जन तथा खाद-बीज उपलब्धता और वितरण के संबंध में समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री @VishvasSarang एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।… pic.twitter.com/dJfoUg2fcw
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 28, 2024
सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि अक्टूबर-नवम्बर माह में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे, जिससे किसानों को कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों और जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से खाद-बीज की उपलब्धता के संबंध में चर्चा की जाएगी। इस बैठक यह भी जानकारी दी गई कि भारत सरकार की ओर से डीएपी का आवंटन बढ़ाकर 8 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है, जबकि रबी 2024-25 के लिए 6 लाख मीट्रिक टन डीएपी के आवंटन की सहमति दी गई थी। डीएपी की जगह पर एनपीके के उपयोग के लिए जिलों में निर्देश जारी किए गए हैं।
वितरण केंद्रों पर खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और किसानों को बिना परेशानी और देरी के वितरण सुनिश्चित करने के लिए समय रहते आवश्यक व्यवस्था की जाएं : CM @DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh @MOFPI_GOI @foodsuppliesmp #bhopal pic.twitter.com/dp6S4lCcR2
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खरीफ 2024-25
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि खरीफ 2024-25 के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्राइस सपोर्ट स्कीम में मध्य प्रदेश को सोयाबीन उपार्जन की दी गई मंजूरी के लिए आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में उपार्जन के समुचित बेहतर प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि जरूरतानुसार डीएपी के स्थान पर एनपीके, लिक्विड नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री यादव ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ ने फसलों की क्षति आंकलन सुनिश्चित करें। खाद भंडारण के लिए डबल लॉक की जरूरत होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त से समन्वय कर जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अमानक स्तर का खाद-बीज विक्रय, भंडारण और परिवहन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
उर्वरक की कालाबाजारी करने वालों, मिलावट, मिस ब्रांडिंग और नकली उर्वरक खपाने वालों पर पुलिस के सहयोग से कठोर कार्रवाई हो : CM @DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh @MOFPI_GOI @foodsuppliesmp #bhopal pic.twitter.com/9pRd2q9Krc
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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्राइस सपोर्ट स्कीम पर सोयाबीन उपार्जन की कार्रवाई संवेदनशीलता पूर्वक करने को कहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश सरकार करेगी। प्रदेश में 25 सितम्बर से ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों के रजिस्ट्री की कार्रवाई शुरू हो गई है। अधिक से अधिक किसानों से पोर्टल पर रजिस्ट्री कराया जाए।
आगामी 20 अक्टूबर तक किसानों का रजिस्ट्री होगी। इसके बाद उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग की कार्रवाई 21 दिसम्बर तक होगी। किसानों से 25 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2024 तक सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश के 1400 केन्द्रों पर किया जाएगा। किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। प्रदेश में 7 जिले दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली को छोड़कर शेष सभी जगह सोयाबीन का उपार्जन होगा। इन जिलों से प्रस्ताव आने पर सोयाबीन उपार्जन पर विचार किया जाएगा।
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