whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है सिंचाई का रकबा, मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा दावा

CM Mohan Yadav News: एमपी में सिंचाई की समुचित व्यवस्था हो जाने से अब किसान 2 फसलों के स्थान पर 3 फसल लेने लगे हैं। इससे प्रोडक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है और किसान समृद्ध भी हो रहे हैं।
11:52 AM Nov 22, 2024 IST | Deepti Sharma
मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है सिंचाई का रकबा  मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा दावा
cm mohan yadav news

CM Mohan Yadav News: एमपी की मोहन यादव सरकार लगातार विकास कार्यों को कर रही है। इसी में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है, जो सबसे ज्यादा फिक्र अपने अन्नदाता की करती है। सरकार निरंतर हर खेत तक पानी पहुंचाने के काम कर रही है।

Advertisement

जल संसाधन विभाग की अलग-अलग मेजर,मीडियम और माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट्स से मध्य प्रदेश में लगातार सिंचाई का रकबा बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में सिंचाई के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

साल 2003 में जहां प्रदेश का सिंचाई रकबा लगभग 3 लाख हेक्टेयर था, आज बढ़कर लगभग 50 लाख हेक्टेयर हो गया है। प्रदेश की निर्मित और निर्माणाधीन सिंचाई प्रोजेक्ट्स से प्रदेश में साल 2025-26 तक सिंचाई का रकबा लगभग 65 लाख हेक्टेयर होने की संभावना है।

Advertisement

सरकार ने साल 2028-29 तक प्रदेश की सिंचाई क्षमता 1 करोड़ हैक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए प्रदेश में तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। सरकार ने विभाग के लिए बजट में भी पर्याप्त राशि का प्रावधान किया है। साल 2024-25 के बजट में सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण और संधारण के लिए 13 हजार 596 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

Advertisement

केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि प्रदेश की सिंचाई प्रोजेक्ट्स में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट एक महत्वाकांक्षी नदी जोड़ों राष्ट्रीय परियोजना है। इसमें केन नदी पर दौधन बांध, आनुषंगिक कार्य एवं लिंक नहर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत बेतवा कछार में बीना काम्पलेक्स, कोटा बैराज तथा लोअरओर परियोजनाओं का निर्माण किया जाना सम्मिलित है।

परियोजना से मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी और दमोह जिलों में माइक्रो इरिगेशन से केन कछार में 4.5 लाख हेक्टेयर, बेतवा कछार के विदिशा, रायसेन, सागर, शिवपुरी और दतिया जिलों में 2.06 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के बांदा, महोबा और झांसी जिलों में 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजना से उत्पन्न होने वाली 103 मेगावाट जल विद्युत तथा 27 मेगावाट सौर ऊर्जा पर पूरा अधिकार मध्य प्रदेश का होगा।

प्रोजेक्ट के दूसरी स्टेज की डीपीआर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा साल 2014 में तैयार की गई। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश द्वारा बेतवा कछार में अंतिम रूप से प्रस्तावित 3 परियोजनाएं: बीना परिसर से 96 हजार हेक्टेयर, कोटा बैराज से 20 हजार हेक्टेयर तथा लोअर ओर प्रोजेक्ट से 90 हजार हैक्टेयर सिंचाई प्रस्तावित है।

साथ ही प्रोजेक्ट्स से 66.7 मिलियन घन मीटर पेयजल और मांग आधार पर उद्योगों के लिए जल का प्रावधान रखा गया है। परियोजना की सभी वैधानिक मंजूरी मिल चुकी हैं। मध्य प्रदेश में द्वितीय चरण की परियोजना का कार्य प्रगति पर है।

कई परियोजनाओं को मिली मंजूरी

परियोजना के अमल करने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के बीच एक त्रिपक्षीय सहमति ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में साइन्ड किया गया। प्रोजेक्ट को अमल करने के लिए केंद्रीय मंत्री-परिषद द्वारा 44 करोड़ 605 लाख रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है। प्रोजेक्ट्स को 8 सालों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों को लाभ मिलेगा।

केन-बेतवा लिंक परियोजना, संशोधित पार्वती-कालीसिंध परियोजना और नर्मदा घाटी की अन्य प्रस्तावित महत्वपूर्ण परियोजनाओं से प्रदेश में 19 लाख 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी। प्रदेश में "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" के उद्देश्य की पूर्ति के लिए 133 लार्ज और मीडियम प्रेशराइज्ड माइक्रो इरिगेशन सिस्टम आधारित परियोजना निर्माणाधीन है।

प्रदेश में 1320 करोड़ रुपए की लागत वाली चितरंगी दाब युक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना मंजूर हुई है। इस परियोजना से सिंगरौली जिले में 32 हजार 125 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र विकसित होगा। इसी प्रकार 4197 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को भी मंजूर किया गया है। नीमच जिले में इस परियोजना से 18 हजार 600 हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र विकसित होगा।

ये भी पढ़ें-  मध्य प्रदेश के विकास के लिए गुजरात से प्रेरणा लेते हैं CM मोहन यादव; इंदौर से BRTS हटाने की तैयारी शुरू

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो