14 साल की लड़की बनी मां! बेटी को रेलवे ट्रैक पर फेंका, पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे
Bhopal Newborn Baby Girl Died: आज अष्टमी के दिन पूरा देश मां दुर्गा के बाल स्वरूपों की पूजा कर रहा है, उनके पैर छूकर भोग लगा रहा है। वहीं इसी भारतीय समाज में एक मां ऐसी भी है, जिसने पैदा होते ही अपनी बेटी को बोरे में बंद करने फेंक दिया। रोती-बिलखती बच्ची पर लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस की मदद से बच्ची को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने वायरल वीडियो में दिख रही महिला की शिनाख्त करके एक्शन लिया।
पुलिस करीब 40 कैमरों को ट्रेस करके 3 आरोपियों तक पहुंची। आरोपियों में बच्ची पैदा करने वाली लड़की की मां, डिलीवरी कराने वाला डॉक्टर और नर्स आसमां शामिल हैं। तीनों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया है। बच्ची को फेंकने के लिए इस्तेमाल किया गया वाहन जब्त किया गया है। वहीं बच्ची को पैदा करने वाली लड़की की काउंसिलिंग के बाद गिरफ्तार करने की बात पुलिस कह रही है।
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CCTV में बोरे को फेंकती दिखी आरोपी नर्स
DCP प्रियंका शुक्ला ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बुधवार को ऐशबाग इलाके में रेलवे ट्रैक के किनारे एक बोरी में 2 दिन की नवजात मिली थी। लोगों ने बोरी को हिलते देखा तो उसे उठाने पर बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने बोरी खोली तो उसके अंदर नवजात बच्ची थी, जिसकी नाल भी नहीं कटी थी। बच्ची ने अस्पताल में इलाज के समय गुरुवार रात को दम तोड़ दिया।
पुलिस ने इलाके में लगा CCTV कैमरा चेक किया तो एक महिला बोरे को फेंकते नजर आई। उस महिला की शिनाख्त नर्स आसमां के रूप में हुई। पुलिस CCTV कैमरों को ट्रेस करते हुए नर्स तक पहुंची तो उसने डॉक्टर के बारे में बताया। दोनों को पकड़कर पुलिस बेटी की डिलीवरी कराने वाली महिला तक पहुंची। डॉक्टर-नर्स ने पुलिस को बताया कि महिला ने उन्हें 60 हजार दिए थे, साथ ही पूरा मामला भी बताया।
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बच्ची की मां और उसकी प्रेमी दोनों नाबालिग
DCP प्रियंका शुक्ला के अनुसार, आरोपी डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक चलाता है। वहीं डिलीवरी कराने वाली महिला ने बताया कि उसकी 14 साल की बेटी है। वह 8वीं में पढ़ती है, लेकिन उसके अपने ममेरे भाई के साथ प्रेम संबंध थे। उसी का नतीजा नवजात थी। पैसे देकर डिलीवरी कराई थी। उन्होंने ही बच्ची को बोरे में बंदर करके रेलवे ट्रैक के पास फेंका था।
समाज में बदनामी के डर से उसने यह सब किया। क्योंकि प्री-मेच्योर डिलीवरी थी, इसलिए बच्चे के जिंदा बचने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन बच्ची बिल्कुल स्वस्थ थी, इसलिए उसे फेंकना पड़ा। DCP ने कहा कि लड़की और उसका प्रेमी दोनों नाबालिग हैं, लेकिन काउंसिलिंग कराने के बाद दोनों को मामले में आरोपी बनाया जा सकता है।
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