जंगल और वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ-साथ युवाओं को मिलेगा रोजगार, जानिए क्या है CM मोहन यादव की प्लान?
CM Mohan Yadav Eco-Tourism Plan:मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार राज्य के विकास के लिए बिना रुके काम कर रही है। सरकार प्रदेश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश को 'बेस्ट स्टेट टूरिज्म बोर्ड' का अवॉर्ड मिला था। ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश को इको टूरिज्म का बनाने के लिए कुछ कार्य योजनाएं बनाने के बारे में बताया है।
हमें गर्व है कि टाइगर स्टेट के साथ ही मध्यप्रदेश गिद्ध, तेंदुआ और अब चीता स्टेट भी बन गया है...
वन्य प्राणियों और पर्यावरण के संरक्षण में वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों की बड़ी भूमिका है, जिनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी प्रयासरत… pic.twitter.com/hbJyMnKQdD
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 26, 2024
वन आधारित अर्थ-व्यवस्था का मॉडल
दरअसल, सीएम यादव श्योपुर के सेसई पूरा के जंगल रिसॉर्ट में चीता पुनर्स्थापन की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। यहां सीएम मोहन यादव ने बताया कि इससे रोजगारोन्मुख अर्थव्यवस्था संचालित करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने तो यह भी कहा कि आने वाले समय में अकेले कूनों में ही करीब 2 लाख लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध होंगे। गांधी सागर अभयारण्य में भी इसी तरह की एक्टिविटी को चलाई जाएगी, इससे वन आधारित अर्थ-व्यवस्था के नए मॉडल विकसित होंगे।
केंद्र सरकार का मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि इन सभी कार्यों के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार के सहयोग मिलेगा। केंद्र सरकार राज्य को जल, जंगल, जमीन, वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर इम्प्लोइमेंट ओरिएंटेड अर्थ-व्यवस्था बनाने में सहयोग करेगी। सीएम मोहन यादव ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था पर आधारित एक्टिविटी से कई लोगों को अपने घर के पास स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। उन्होंने यह बताया कि जंगल आधारित अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए केंद्रीय मंत्री यादव के निर्देशों का पालन किया जाएगा। इसके लिए राज्य स्तर पर अलग से एक सेल बनाई जाएगी।
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हाथियों के व्यवहार पर स्टडी
इस दौरान केंद्रीय वन मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में एलिफेंट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों को हाथियों से बचने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि स्थानीय लोग हाथी के दोस्त बन सकें। प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत केंद्रीय टीम मध्य प्रदेश आएगी। यह टीम यहां के हाथियों के झुंड की व्यवहारों पर स्टडी करेगी और इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगी। इसके हाथियों के संरक्षण पर बेहतर ढंग से काम किया जा सके। हाथियों के व्यवहारों पर स्टडी करने वाली यह टीम इससे पहले असम और केरल में यह काम कर चुकी है।