उज्जैन शहर भविष्य में भारत का गौरव बढ़ाएगा, कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री मोहन यादव
CM Mohan Yadav News: पुस्तकालयों के मॉडर्नाइजेशन, ऑटोमेशन, नेटवर्किंग, डिजिटलीकरण, ग्रीन लाइब्रेरी और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पुस्तकालय के महत्व जैसे विषयों पर चिंतन और विचार करना जरूरी है। इससे पुस्तकालयों के मॉडर्नाइजेशन और कंटेंपरेरी एजुकेशन सिस्टम में उनकी उपयोगिता बनाए रखने का रास्ता खुलेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि पुस्तकालय मानव इतिहास की बड़ी संपदा है। पुस्तकालय ज्ञान का प्रोटेक्शन, प्रमोशन और प्रसार ठीक उसी तरह से करते हैं, जैसे बैंक समाज और राष्ट्र की धन को सुरक्षित रखते हैं। भारतीय इतिहास में पुस्तकालयों का विशेष महत्व रहा है। नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला के पुस्तकालय विद्या के केन्द्र और ज्ञान के भंडार थे, दुर्भाग्यवश यह महान केन्द्र विदेशी आक्रांताओं के निशाना बनें। उज्जैन धर्म, आध्यात्म एवं ज्ञान-विज्ञान का संगम रहा है। बाबा महाकाल, काल गणना के केन्द्र बिन्दु में विराजित हैं और उज्जैन का सांदीपनी आश्रम भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का गुरूकुल रहा है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि जिस प्रकार से शोध अनुसंधान और अध्ययन की गतिविधियां जारी हैं, एक दिन उज्जैन भविष्य का ग्रीनविच बनकर भारत का गौरव बढ़ाता रहेगा।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन पुस्तकालय विज्ञान में ट्रेनिंग देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर स्थापित उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय पुस्तकालय विज्ञान में ट्रेनिंग देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय था। उज्जैन का सिंधिया ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट अपने विशाल और दुर्लभ पाण्डुलिपियों के संग्रह के लिए जाना जाता है। भारत में पुस्तकालय विज्ञान के पितामाह पद्मश्री रंगनाथन इस विश्वविद्यालय के पहले विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। मध्यप्रदेश में पुस्तकालय विज्ञान का शिक्षा आरंभ करने का श्रेय डॉ. रंगनाथन को ही जाता है। मुख्यमंत्री यादव ने सेमिनार में भाग ले रहे सभी सब्जेक्ट-एक्सपर्ट्स, छात्रों आदि को सेमिनार के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
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