होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

उज्जैन शहर भविष्य में भारत का गौरव बढ़ाएगा, कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री मोहन यादव

CM Mohan Yadav News: मुख्यमंत्री यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा बदलते एकेडमिक और सोशल एनवायरमेंट में लाइब्रेरी की भूमिका और चुनौतियां विषयों पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस को वर्चुअली संबोधित किया।
12:24 PM Aug 23, 2024 IST | Deepti Sharma
CM Mohan Yadav News
Advertisement

CM Mohan Yadav News: पुस्तकालयों के मॉडर्नाइजेशन, ऑटोमेशन, नेटवर्किंग, डिजिटलीकरण, ग्रीन लाइब्रेरी और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पुस्तकालय के महत्व जैसे विषयों पर चिंतन और विचार करना जरूरी है। इससे पुस्तकालयों के मॉडर्नाइजेशन और कंटेंपरेरी एजुकेशन सिस्टम में उनकी उपयोगिता बनाए रखने का रास्ता खुलेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि पुस्तकालय मानव इतिहास की बड़ी संपदा है। पुस्तकालय ज्ञान का प्रोटेक्शन, प्रमोशन और प्रसार ठीक उसी तरह से करते हैं, जैसे बैंक समाज और राष्ट्र की धन को सुरक्षित रखते हैं। भारतीय इतिहास में पुस्तकालयों का विशेष महत्व रहा है। नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला के पुस्तकालय विद्या के केन्द्र और ज्ञान के भंडार थे, दुर्भाग्यवश यह महान केन्द्र विदेशी आक्रांताओं के निशाना बनें। उज्जैन धर्म, आध्यात्म एवं ज्ञान-विज्ञान का संगम रहा है। बाबा महाकाल, काल गणना के केन्द्र बिन्दु में विराजित हैं और उज्जैन का सांदीपनी आश्रम भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का गुरूकुल रहा है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि जिस प्रकार से शोध अनुसंधान और अध्ययन की गतिविधियां जारी हैं, एक दिन उज्जैन भविष्य का ग्रीनविच बनकर भारत का गौरव बढ़ाता रहेगा।

Advertisement

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन पुस्तकालय विज्ञान में ट्रेनिंग देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर स्थापित उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय पुस्तकालय विज्ञान में ट्रेनिंग देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय था। उज्जैन का सिंधिया ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट अपने विशाल और दुर्लभ पाण्डुलिपियों के संग्रह के लिए जाना जाता है। भारत में पुस्तकालय विज्ञान के पितामाह पद्मश्री रंगनाथन इस विश्वविद्यालय के पहले विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। मध्यप्रदेश में पुस्तकालय विज्ञान का शिक्षा आरंभ करने का श्रेय डॉ. रंगनाथन को ही जाता है। मुख्यमंत्री यादव ने सेमिनार में भाग ले रहे सभी सब्जेक्ट-एक्सपर्ट्स, छात्रों आदि को सेमिनार के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।

ये भी पढ़ें- ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव की तैयारी लगभग पूरी! जानें क्या-क्या होगा खास?

Advertisement

Open in App
Advertisement
Tags :
CM Mohan YadavMadhya Pradesh News
Advertisement
Advertisement