मध्य प्रदेश के श्रमिकों के लिए खुशखबरी, सरकार ने 25 प्रतिशत बढ़ाई मजदूरी, पढ़े पूरी डिटेल
MP Labor Minister Prahlad Singh Patel: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार प्रदेश को विकास का रूप देने वाले श्रमिकों का भी ख्याल रख रही है। प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंगलवार को प्रदेश के मजदूरों के हितों के संरक्षण और कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक फैसला किया है। दरअसल, सरकार की तरफ से प्रदेश में 1 अप्रैल से सभी औद्योगिक और असंगठित श्रमिकों को 25 फिसदी ज्यादा मजदूरी देने का आदेश जारी किया है। श्रमिकों के कल्याण की दिशा में यह एक क्रांतिकारी फैसला है। इस बात की घोषणा प्रदेश के श्रम मंत्री पटेल ने दी है।
आज भोपाल निवास पर पत्रकार बंधुओं को सम्बोधित कर मजदूरों के हितों के संरक्षण एवं कल्याण की दिशा में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
1 अप्रैल से समस्त औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों को 25 प्रतिशत अधिक मजदूरी मिलेगी। यह वेज रिवीजन प्रति 5 वर्ष में होता है, जो 2014 के बाद नही हुआ था। pic.twitter.com/CpM4ApnS7p— Prahlad Singh Patel (मोदी का परिवार) (@prahladspatel) March 12, 2024
श्रम मंत्री पटेल का बड़ा ऐलान
श्रम मंत्री पटेल ने बताया कि श्रमिकों की मजदूरी दर बढ़ने से उनके जीवन में काफी बदलाव आएगा। श्रम मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम मोहन यादव के 'सबका साथ और सबका विकास' की कड़ी में प्रदेश के श्रमिकों के हित में यह फैसला लिया गया है। मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग मजदूरों के कल्याण एवं सुरक्षा के लिए आने वाले समय में कई महत्वपूर्ण फैसले लेने वाला है। उन्होंने बताया कि नियम अनुसार हर 5 साल में वेज रिवीजन होना चाहिए। साल 2014 के बाद पहली बार श्रमिकों का वेज रिवाइजन किया गया है। श्रम मंत्री ने बताया कि यह फैसला महिला श्रमिकों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लिया गया है।
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के MSME मंत्री का CM मोहन यादव से आग्रह, 30 सालों से बकाया मजदूरों की मजदूरी का कराएं भुगतान
इतना होगा श्रमिकों का न्यूनतम वेतन
श्रम विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 9,575 रुपये महीना होगा। वहीं अर्धकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 10,571 रुपये महीना होगा। इसी तरह कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 12,294 रुपये महीना और उनसे ज्यादा कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 13,919 रुपये महीना होगा।