मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों पर सरकार की लगाम; नहीं बदल सकते यूनिफार्म और कोर्स, नई गाइडलाइन जारी
MP Private School New Guidelines: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार की तरफ से प्राइवेट स्कूलों के लिए एक बड़ा ऐलान किया गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार कोई भी प्राइवेट स्कूल 2 साल से पहले कोर्स नहीं बदल सकेगा। इसके अलावा, सभी प्राइवेट स्कूलों को यूनिफार्म की जानकारी भी जानकारी पब्लिक डोमेन में देनी होगी। प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्राइवेट स्कूलों की जांच के लिए 4 समितियां भी गठित की गई हैं।
प्राइवेट स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी
भोपाल में कलेक्टर ने सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के तहत कोई भी प्राइवेट स्कूल 2 साल से पहले कोर्स, स्कूल यूनिफॉर्म, किताबें और सिलेबस नहीं बदल सकता। इसके साथ ही उन्हें यूनिफॉर्म की जानकारी समेत टाई बेल्ट और जूतों के नमूने पब्लिक डोमेन में अपलोड करने होंगे। इसके अलावा स्कूलों को यूनिफॉर्म बदलने से पहले जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताकर आवेदन देना होगा। कलेक्टर की मंजूरी के बाद ही बुक यूनिफॉर्म या शैक्षिक सामग्री बदली जा सकेगी।
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4 समितियों का गठन
ऐसा माना जाता है कि इससे प्रकाशक, स्कूल संचालक और विक्रेताओं की मोनोपोली खत्म होगी। इसके अलावा, 4 समितियों का भी गठन किया गया है, जो प्राइवेट स्कूलों में महंगी पढ़ाई की जांच करेंगी।
नई गाइडलाइन का पालन जरूरी
ये समितियां स्कूलों की महंगी किताबों से लेकर बाकी की शैक्षिक सामग्रियों की कीमतों की जांच करेंगी। सरकार की तरफ से जारी की गई नई गाइडलाइन का पालन प्रदेश के एमपी बोर्ड और CBSE समेत सभी प्राइवेट स्कूलों को करना होगा। कलेक्टर ने 3 सदस्यों की एक टीम बनाई है। इस टीम का काम सभी प्राइवेट स्कूलों का सत्यापन करना है।