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मध्य प्रदेश के MSME मंत्री का CM मोहन यादव से आग्रह, 30 सालों से बकाया मजदूरों की मजदूरी का कराएं भुगतान

MP MSME Minister Meet CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के MSMEs मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से रतलाम की सज्जन मिल के 2900 मजदूरों की मजदूरी और बाकी की देनदारियों के भुगतान को लेकर अग्राह किया है।
03:00 PM Mar 12, 2024 IST | Pooja Mishra
मध्य प्रदेश के msme मंत्री का cm मोहन यादव से आग्रह  30 सालों से बकाया मजदूरों की मजदूरी का कराएं भुगतान
मध्य प्रदेश के MSME मंत्री का सीएम मोहन यादव से आग्रह

MP MSME Minister Meet CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs) मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल, मंत्री चैतन्य ने रतलाम की सज्जन मिल के 2900 मजदूरों की मजदूरी और बाकी की देनदारियों के भुगतान को लेकर खास पहल की है, जो कि 30 सालों से बकाया है। मंत्री चैतन्य ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से इन मजदूरों की मजदूरी और देनदारियों का भुगतान मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल और अधोसंरचना विकास मंडल के जरिए करवाने का आग्रह किया है। वहीं सीएम मोहन यादव ने भी इस संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

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MSMEs मंत्री का सीएम से आग्रह

MSMEs मंत्री चैतन्य ने सज्जन मिल के मजदूरों की मजदूरी का यह मुद्दा कैबिनेट बैठक में उठाया था। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री चैतन्य ने मंत्रालय में सीएम यादव से मुलाकात की और उन्हें मजदूरों का यह आग्रह पत्र सौंपा। इस आग्रह पत्र में उन्होंने हुकुमचंद मिल की देनदारी की समस्याओं का निराकरण करने की पहल के लिए सीएम मोहन यादव की तारीफ की। इसके बाद MSMEs मंत्री ने सीएम मोहन यादव को सज्जन मिल के बारे में बताया कि यह मिल साल 1992 से बंद पड़ी हुई है। मिल को फिर से शुरू करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से समय-समय कई कोशिशें की गई। बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में इस मिल कंपनी की कार्रवाई मामला विचाराधीन है।

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यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग में नए मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव मंजूर, जानें CM मोहन यादव ने और क्या-क्या फैसले लिए?

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क्या है मामला?

मंत्री चैतन्य ने बताया कि मिल की जमीन शहर के बीचों-बीच है, इसलिए उद्योग लगाने के लिए उपयुक्त नहीं है। हकुमचंद मिल की योजना के अनुसार हाई कोर्ट की तरफ से इंदौर की तरह प्रकल्प को लाकर मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल और अधोसंरचना विकास मंडल के जरिए इन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कराया जा सकता है।

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