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Madhya Pradesh: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय करने जा रहा बड़ा काम, पुराने डाटा होंगे Digitalized

Madhya Pradesh News: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय 1970 से 2020 तक के विद्यार्थियों का डाटा डिजिटलाइज्ड करने जा रहा है। 26 जुलाई को कार्य परिषद ने मंजूरी दी। इस परियोजना के तहत डिग्री और मार्कशीट भी डिजिटल में बदली जाएंगी। 
06:13 PM Jul 30, 2024 IST | Deepti Sharma
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Madhya Pradesh News: प्रदेश की सरकार लगातार शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयास कर रही है, ताकि पढ़ाई कर चुके छात्रों से जुड़े डेटा सुरक्षित रख पाएं। अब डेटा को लेकर हर चीज को डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। इसी के तहत देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अपना पचास साल का डाटा डिजिटलाइज्ड करने जा रहा है। कार्यपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही टेंडर निकालेगा। इसके बाद एजेंसी की तलाश शुरू होगी।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने 1970 से 2020 के बीच पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अंकसूची-डिग्री और अन्य दस्तावेज को डिजिटल प्रारूप में बदलने की तैयारी में लगा है। इन पचास सालों में विश्वविद्यालय से लाखों छात्र-छात्राएं पढ़कर निकल चुके है। अधिकारियों के मुताबिक, डाटा डिजिटलाइज्ड करने के पीछे यह उद्देश्य है कि कितने विद्यार्थियों ने पढ़ाई पूरी की है और कितने छात्र-छात्राएं फेल व पढ़ाई छोड़ चुके हैं।

2018 से पुराना डाटा होगा डिजिटलाइज्ड

2018 से विश्वविद्यालय अपना पुराना डाटा डिजिटल करने की कवायद करने में लगा है। इसके लिए राजभवन ने प्रदेशभर की विश्वविद्यालय की समिति बनाई थी। कई साफ्टवेयर कंपनी ने प्रेजेंटेशन भी दिया था। 2020 में प्रक्रिया धीमी हो गई। बाद में उच्च शिक्षा विभाग ने एनईपी से विद्यार्थियों का डाटा डिजिटल करने के निर्देश दिए है।

1970 से 2020 के छात्रों का डाटा डिजिटल

2023-24 में विश्वविद्यालय ने स्नातक अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले 80 हजार विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन कर दी है। अब 1970 से 2020 में पढ़कर निकल चुके विद्यार्थियों का डाटा डिजिटल करने पर विचार-विमर्श किया गया है, जिसमें बीए, बीकाम, बीएससी, बीबीए, एमए, एमकाम, एमएससी सहित अन्य कोर्स शामिल हैं।

डाटा डिजिटल करने को मंजूरी

विश्वविद्यालय के अध्ययनशाला और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का अलग-अलग डाटा रखने पर जोर दिया है। 26 जुलाई को विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने डाटा डिजिटल करने की मंजूरी दी है। अब विश्वविद्यालय अगस्त में टेंडर जारी कर सकता है। इसके बाद आइटी कंपनियों का प्रेजेंटेशन भी रखा जाएगा।

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