मध्य प्रदेश में राजस्व महाअभियान, 30 लाख से अधिक मामलों हुआ का समाधान, जानें कैसे और क्या हुआ फायदा?
Madhya Pradesh Revenue Campaign: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। सीएम मोहन यादव के निर्देशानुसार मध्य प्रदेश में राजस्व महाभियान चलाया गया। इस महाअभियान के तहत लंबे समय से लंबित राजस्व मामलों का सीमांकन, दुरुस्ती, बंटवारा, अभिलेख नक्शा और नामांतरण जुड़े मामलों का निराकरण किया जाता है। हाल ही में सामने आई महाअभियान की रिपोर्ट के अनुसार 10 मार्च 2024 तक 30 लाख से अधिक राजस्व मामलों का निराकरण इस अभियान के तहत किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने राजस्व महाअभियान की तहसीलवार समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि 16 जनवरी से शुरू हुआ राजस्व महाअभियान 9 मार्च तक जारी रहेगा। अभियान के दौरान प्रत्येक ग्राम में बी-1 का वाचन किया गया। नामांतरण, सीमांकन तथा बंटवारा के हजारों लंबित प्रकरण निराकृत किए गए। pic.twitter.com/ZPbgIzlraD
— Collector Rewa (@RewaCollector) March 5, 2024
राजस्व महाअभियान का असर
बता दें कि राजस्व महाअभियान के पहले फेज (15 जनवरी से 29 फरवरी) में 26 लाख से अधिक अटके हुए राजस्व मामलों का समाधान किया गया था, जबकि इसके दूसरे फेज में (1 मार्च से 10 मार्च) में 4 लाख से अधिक राजस्व मामलों का निराकरण किया गया है। इस तरह अब तक इस महाअभियान के जरिए कुल 30 लाख से अधिक राजस्व मामलों का समाधान हो चुका है। इस अभियान की राज्य स्तर, जिले स्तर, तहसील स्तर पर हर दिन निराकरण होने वाले लंबित मामलों की मॉनिटरिंग की जाती है। इसके लिए राजस्व महाभियान डैशबोर्ड बनाया गया है, जिससे अभियान के पूरे कार्य की समीक्षा की जाती है।
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सबसे ज्यादा नामांतरण के मामले
राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए इस राजस्व महाअभियान के तहत सबसे ज्यादा मामले नामांतरण के हैं, जिनकी संख्या 3 लाख 23 हजार 16 है। वहीं सीमांकन के 43 हजार 189, नक्शा तर्मीम के 26 लाख 14 हजार 263, बंटवारा के 40 हजार 414 और अभिलेख दुरूस्ती के 27 हजार 373 मामलों के निराकरण हुआ है।