मध्य प्रदेश की रेशम मार्केट होगी ऑनलाइन, मिलेगा इन्वेस्टमेंट और रोजगार का मौका, क्या है मोहन सरकार की प्रोजेक्ट?
Madhya Pradesh Silk Products Marketing: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार राज्य को हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके साथ-साथ सरकार कई योजनाएं और नीति भी ला रही हैं, ताकि प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ प्रदेश का बेहतर ढंग से विकास किया जाए। भोपाल में मंगलवार को राज्यस्तरीय कॉन्फ्रेंस रखी गई, जिसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप और एफपीओ मॉडल के साथ विभागीय योजनाओं को चलाने पर की गई। यहां उद्गार कुटीर और ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता रेशम उत्पादकों और बुनकरों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट को नेटवर्क इन डिजिटल कामर्स (ONDC) के जरिए से ब्रांड मार्केटिंग के लिए ई-प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है।
कैबिनेट बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय
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💠 मंदसौर, राजगढ़, सीधी, सिवनी और बालाघाट जिले की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिये मिली ₹10,373 करोड़ से अधिक की स्वीकृति।💠 नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश एलाइड एंड हेल्थ… pic.twitter.com/4mZHiOkBJJ
— Jansampark MP (@JansamparkMP) February 27, 2024
MP के रेशम का व्यापार बढ़ाना
मंत्री जायसवाल ने बताया कि सरकार की पचमढ़ी सिल्क टेक पार्क एवं रेशम से समृद्धि योजना के जरिए कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग काफी उपलब्धि हासिल हुई है। इस योजना के तहत विभाग की तरफ से धागाकारों, किसानों, छात्रों, बुनकरों, युवाओं और महिलाओं को काफी लाभ हुआ है। राज्य में अब तक बंद पड़ी सभी रेशम धागाकरण यूनिट को फिर से शुरू कर दिया गया है, वहीं कई नई यूनिट भी खोली जाएगी। इसके अलावा इस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जायसवाल ने रेशम टेकनीक, रेशम के प्रोडक्ट में PPP संभावनाएं, सेरीफ्यूचर को नेविगेट करने के डिजाइन, अभिनव फ्यूजन पैटर्न अपनाने, डिजिटल कॉमर्स में ओपन नेटवर्क, रेशम के नए पारिस्थितिकी तंत्र और रोडमैप और क्रियान्वयन रणनीतियों के अनावरण के बारे में बात की गई।
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क्या है प्लानिंग?
मंत्री के बाद कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार ने स्टेकहोल्डर्स और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य में मलबरी रेशम प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही करीब 1000 एकड़ की खेती की जमीन पर मलबरी रेशम उत्पादन बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा किसानों को रेशम उत्पादन से जुड़ने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।