'जल जीवन मिशन' से आर्थिक आत्मनिर्भर बनी मध्य प्रदेश की सीताबाई, पढ़ें सफलता की दिलचस्प कहानी
Madhya Pradesh Woman Success Story: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार लगातार प्रदेश के विकास और आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रही है। इसी कोशिश को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के साथ प्रदेश में 'जल जीवन मिशन' शुरू किया। इस मिशन के तहत राज्य के 53,417 गांवों के 67 लाख से ज्यादा घरों में जल-नल का कनेक्शन लगवाया जा चुका है। लेकिन आज हम इस खबर में इंदौर की सीताबाई के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने इस सरकारी योजना के लाभ उठाते हुए, इसे अपनी कमाई का जरिया बनाया।
जल जीवन मिशन अन्तर्गत एक दिवसीय अंतर्विभागीय संभागीय कार्यशाला का आयोजन इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुआ।#jansamparkmp#indore#JalJeevanMission@jaljeevan_@DoWRRDGR_MoJS pic.twitter.com/pt368sbVBG
— Collector Indore (@IndoreCollector) March 4, 2024
समिति ने बनाया पंप ऑपरेटर
इंदौर जिले के देपालपुर ब्लॉक के झलारिया गांव की रहने वाली सीताबाई ने बताया कि 'जल जीवन मिशन' के शुरू होने से पहले उन्हें पानी लाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी, जिससे उनका काफी समय भी खराब हो जाता था। सरकार द्वारा 'जल जीवन मिशन' शुरू करने के बाद घर-घर नल की लाइन पहुंच गई। इसके बाद ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति बनाई गई। सीताबाई ने बताया कि उन्होंने समिति से उनके साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद समिति ने उन्हें पंप ऑपरेटर बना दिया। पंप ऑपरेटर बनाने के साथ ही सीताबाई को गांव से जल कर (Water Tax) जमा करने की जिम्मेदारी मिली।
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सरकार की योजना से बनी आर्थिक आत्मनिर्भर
पंप ऑपरेटर का काम संभालते हुए सीताबाई ने पूरे गांव के सभी परिवारों को समय पर आवश्यकतानुसार पानी पहुंचाया। इतना ही नहीं, सीताबाई ने गांव के लोगों को नल-जल योजना का रखरखाव के लिए जागरूक किया। इसके साथ ही उन्होंने गांव के लोगों को जल कर (Water Tax) जमा करने के लिए भी प्रेरित किया। सीताबाई ने काम की शुरुआत में ही पंप ऑपरेटर के तौर पर 1.79 लाख रुपये का जल कर (Water Tax) इकट्ठा किया और उसे समिति के खाते में जमा करवा दिया। इसके लिए सीताबाई को सरकार की तरफ से मानदेय दिया जाने लगा। सीताबाई बताती है कि इस मानदेय मिलने से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हो गई हैं।