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कौन हैं मीरा यादव? मध्य प्रदेश की इकलौती सीट पर सपा ने मैदान में उतारा, वीडी शर्मा को देंगी चुनौती

Meera Deepak Yadav Samajwadi Party: मीरा दीपक यादव को मैदान में उतारकर समाजवादी पार्टी ने मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट गठबंधन के तहत सपा के खाते में आई है। मीरा यादव का मुकाबला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से होगा।
07:44 PM Apr 01, 2024 IST | Pushpendra Sharma
कौन हैं मीरा यादव  मध्य प्रदेश की इकलौती सीट पर सपा ने मैदान में उतारा  वीडी शर्मा को देंगी चुनौती
Meera Yadav Samajwadi Party

Meera Deepak Yadav Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन के साथ अपनी इकलौती सीट पर प्रत्याशी बदल दिया है। सोमवार को खजुराहो लोकसभा सीट पर सपा ने मनोज यादव का टिकट काटकर मीरा दीपक यादव को मैदान में उतार दिया है। मीरा यादव बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।

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कौन हैं मीरा यादव? 

मीरा यादव पूर्व विधायक हैं। मीरा दीपक यादव मध्य प्रदेश की निवाड़ी विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। उनके पति दीप नारायण सिंह यादव भी राजनेता हैं। उन्हें ​​दीपक दद्दा के नाम से भी जाना जाता है। वह 2007 से 2017 तक उत्तर प्रदेश की गरौठा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी।

मनोज यादव को मिली नई जिम्मेदारी 

इसी के साथ सपा ने मनोज यादव को नई जिम्मेदारी दे दी है। मनोज यादव को मध्य प्रदेश समाजवादी पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। ये संयोग की ही बात है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में मनोज यादव को बिजावर से टिकट दिया गया था। हालांकि बाद में उनका टिकट काट दिया गया। ये दूसरी बार है जब मनोज यादव का टिकट काटा गया है।

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बसपा ने भी घोषित किया उम्मीदवार

खजुराहो सीट पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बसपा ने कमलेश पटेल को मैदान में उतारा है। इससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। खजुराहो सीट पर मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद की जा रही है। खजुराहो लोकसभा सीट के तहत दो विधानसभा सीटें चांदला और गुनौर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सपा का पीडीए यहां कुछ हद तक काम कर सकता है।

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क्या है समीकरण

यहां पिछड़ा वर्ग बड़ी भूमिका निभाता है। लगभग 13.50 लाख मतदाताओं वाली सीट पर करीब 3.50 लाख ब्राह्मण मतदाता हैं। जबकि आरक्षित वर्ग के मतदाताओं की संख्या 45 प्रतिशत से ज्यादा है। कांग्रेस ने अब तक तीन बार यहां से चुनाव जीता है। जबकि आठ बार बीजेपी की जीत हुई है। एक बार भारतीय लोक दल ने इस सीट पर कब्जा जमाया है।

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