'हमारे राज में शहर-गांव में नहीं रहती थी बिजली,' दिग्विजय सिंह ने स्वीकार किए भाजपा के सालों पुराने आरोप
Digvijay Singh Accepted BJP Allegation: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज 30 साल बाद अपने शासनकाल की सबसे बड़ी कमी को स्वीकार कर लिया है। दिग्विजय सिंह ने मान लिया है कि 1993 से लेकर 2003 तक उनके शासनकाल में शहर और गांव में बिजली नहीं थी। दरअसल दिग्विजय सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के समर्थन में प्रचार करने के लिए रतलाम पहुंचे। यहां उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए एक बड़ा बयान दे दिया।
दिग्विजय सिंह ने किया स्वीकार
चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने लोगों को 3 रुपये लीटर घासलेट दिया था। उनके इस बयान से साफ हो गया कि भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार कहते हुए जो आरोप लगाए थे कि कांग्रेस की सरकार में प्रदेश के शहरों और गांवों में ना बिजली थी और ना ही शुद्ध सड़क थी। वो सभी आरोप सही थे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नारा भी दिया था कि 'जब तक रहेगा डिग्गी, जप्त तब तक जलेगी डिब्बी'
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भाजपा को होगा फायदा
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने 30 साल पहले दिग्विजय सिंह की सरकार पर वार करते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में बिजली नहीं है, और लोग अपने जीवन यापन चिमनी जलाकर कर रहे हैं। आज उस बात को खुद दिग्विजय सिंह ने स्वीकार कर लिया है। जाहिर है कि चुनाव के बीच में दिग्विजय सिंह का यह बयान भाजपा के हक में जाएगा।